World No Tobacco Day 2018 : एक दिन में 8 बार गुटखा खाना मतलब 40 सिगरेट एक दिन में फूंक देना, सोचना आपको है...
By: Priyanka Maheshwari Thu, 31 May 2018 12:27:08
गुटखा, तम्बाकू और पान मसाला खाना न सिर्फ आपके लिए बल्कि आपके पूरे परिवार के लिए भी हानिकारक साबित हो सकता है। आपकी गुटखा और पान मसाला खाने की आदत को देखते हुए हो सकता है की आपके बच्चे और परिजन इस गन्दी आदत का शिकार बन सकते है। आजकल ना सिर्फ बड़े , छोटे छोटे बच्चे भी गुटखे की चपेट में आ रहे है। जो बच्चा एक बार गुटखा खाना शुरू कर देता है, ड्रग्स की लत की तरह उसको इससे छुटकारे दिलाने में काफी मसक्कत करनी पड़ती है।
गुटखा खाने से ओरल कैंसर या मुहं का कैंसर होने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है। गुटखे में मौजूद कई तरह के रसायनों से हमारे डीएनए को भी नुक्सान हो सकता है। इससे सांस सम्बन्धी बीमारिया भी हो सकती है। ज्यादा गुटखा खाने से मुंह में सफेद रंग के पैच बन जाते हैं, जो ध्यान न देने पर मुंह का कैंसर बन सकते हैं।
गुटखा चबाने से पीले दांत, मुंह में दुर्गन्ध, सांस व दिल से जुड़े रोग हो सकते हैं। एक दिन में 8 से 10 बार गुटखा खाने का मतलब लगभग 40 सिगरेट एक दिन में फूंक देना है, जो किसी भी लिहाज से सेहतमंद नहीं है।
अमेरिकी कैंसर सोसाइटी के अनुसार, किसी भी रूप में धूम्रपान करने वाले एक साथ 30 ऐसे रसायन ले रहे होते हैं, जो कैंसर का कारण बनते हैं। इसके अलावा स्ट्रोक व हृदयाघात की आशंका भी बढ़ जाती है।
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (जीटीएस) 2010 के मुताबिक भारत में 20 करोड़ से ज्यादा लोग तम्बाकू का चबाकर या गुटखे के रूप में सेवन करते हैं। तंबाकू शरीर के लिए धीमा जहर है। धीरे-धीरे व्यक्ति इसका आदी हो जाता है। उसके बाद चाहते हुए भी इस लत से छुटकारा पाने में दिक्कत होती है। लेकिन चिकित्सकों की मानें तो इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
जब गुटखा छोड़ना हो
- निकोटिन पैच या इनहेलर तंबाकू की लत छुड़ाने में मदद करते हैं। कई बार डॉक्टर निकोटिन की मात्रा धीरे-धीरे कम करने की सलाह देते हैं।
- कुछ डॉक्टर अवसादरोधी दवाएं या उच्च रक्तचापरोधी दवाएं लेने की भी सलाह देते हैं। काउंर्सिंलग थेरेपी से भी मदद मिलती है।
- धीरे-धीरे गुटखे की मात्रा कम करें और उसे लिखना शुरू करें, इससे इच्छाशक्ति मजबूत होती है।
- व्यायाम करना शुरू करें। संतुलित भोजन करें, परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं। हरी सब्जियां लें।
- स्वयं को जितना व्यस्त रखेंगे, उतना ही इस लत को छोड़ने में मदद मिलेगी।