हर साल 15 लाख लोगों की जान लेती हैं यह बीमारी, कोरोना से भी खतरनाक

By: Ankur Thu, 06 Aug 2020 2:50:49

हर साल 15 लाख लोगों की जान लेती हैं यह बीमारी, कोरोना से भी खतरनाक

दुनियाभर में कोरोना का बढ़ता संक्रमण चिंताजनक स्थिति पैदा कर रहा हैं जिससे अब तक एक करोड़ 88 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। मौत का आंकड़ा 7 लाख के करीब पहुंच चुका हैं। यह आंकड़े इसकी भयावहता को दर्शाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके अलावा कई ऐसी बीमारियां हैं जो जानलेवा है। आज हम आपको ऐसी ही एक बीमारी के बारे में बताने जा रहे हैं जो कोरोना से भी खतरनाक हैं और हर साल 15 लाख लोगों की जान ले लेती हैं। आइए जानते हैं इस घातक बीमारी के बारे में और साथ ही यह भी जानते हैं कि इस बीमारी के लक्षण क्या-क्या हैं।

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इस बीमारी का नाम ट्यूबर-क्यूलोसिस (Tuberculosis) यानी टीबी है। यह भी कोरोना की तरह ही एक संक्रामक बीमारी है। माना जाता है कि यह बीमारी पूरी दुनिया में फैली हुई है। शायद ही ऐसा कोई देश होगा, जो इससे अछूता होगा। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में हर साल सबसे ज्यादा मौतें टीबी की वजह से ही होती हैं।

क्या हैं टीबी के लक्षण?

खून-वाली थूक के साथ-साथ पुरानी खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और वजन घटना टीबी के आदर्श लक्षणों में शामिल हैं। इसके अलावा सांस लेने में परेशानी भी इसका प्रमुख लक्षण है। दरअसल, अधिक खांसी आने की वजह से मरीज की सांस फूलने लगती है। कहते हैं कि दो हफ्तों या उससे ज्यादा दिनों से अगर आपको खांसी हो तो आपको टीबी की जांच जरूर करा लेनी चाहिए।

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एक से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलती है यह बीमारी?

टीबी के फैलने का माध्यम काफी हद तक कोरोना वायरस से मिलता-जुलता है। यह हवा के माध्यम से तब फैलता है, जब टीबी संक्रमित मरीज खांसी, छींक या किसी अन्य प्रकार से हवा के माध्यम से अपना लार संचारित कर देते हैं। इसलिए टीबी के मरीज को भी अक्सर आइसोलेशन में ही रखा जाता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में दुनिया के 27 फीसदी टीबी मरीज हैं। कोरोना के फैलने के पहले तो इस बीमारी से पीड़ित मरीज का इलाज काफी हद तक संभव हो जाता था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से टीबी के मरीजों की डायग्नोसिस में 75 फीसदी की कमी आई है। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना वायरस की वजह से लगाए गए लॉकडाउन और चिकित्सकीय व्यवस्था नहीं मिल पाने के कारण अगले 10 महीनों में टीबी के करीब 63 लाख मामले सामने आएंगे और इनमें से 14 लाख लोगों के मरने की आशंका जताई गई है।

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