आँखों की रोशनी बढाने में मदद करते है ये पॉवर योगा
By: Priyanka Maheshwari Sun, 17 June 2018 1:02:40
आँखें हमारे शरीर के सेंसिटिव अंगों में से एक हैं इसलिए इनको सुरक्षित रखना बहुत जरूरी होता हैं। लेकिन आजकल की जीवनशैली में बढ़ते यंत्रों के चलन और खराब पोषण के कारण बच्चों और बढों की आँखों पर बुरा असर पड़ने लगा हैं और चश्मे ने उनकी आँखों पर परदा डाल दिया हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं रोज कुछ देर के लिए किया गया योग आपको आँखों की दृष्टि को बढाता हैं और आपकी आँखों से चश्मा भी हटा सकता हैं। तो चलिए आज हम बताते हैं आपको कुछ ऐसे पॉवर योग के बारे में जो आँखों की शक्ति बढाए।
* शवासन :
इस आसन को करने के लिए मन को शांत कर के पीठ के बल लेट जाइए। पैरों को ढीला छोडकर हाथों को शरीर से सटाकर बगल में रख लिजिए। शरीर को पूरी तरह से फर्श पर स्थिर हो जाने दीजिए। इस आसन को करने से शरीर की थकान और दबाव कम हो जाएगी। सांस और नाडी की गति सामान्य हो जाएगी। आंखों को आराम मिलता है और आंखों की रोशनी बढती है।
* त्राटक आसन :
इस आसन को अंधेरे में किया जाता है, इसलिए रात का समय बेहतर है। यदि आप इसे दिन में करते है तो कमरे को बंद कर अंधेरा कर लें। कमरे में एक मोमबत्ती जलाकर मोमबत्ती के सामने प्राणायाम की मुद्रा में बैठ जाएं। अब बिना पलकें झपकाए एकटक से मोमबत्ती को देखते रहें। इसके बाद आँखे बंद करके ओम का उच्चारण करें और फिर आंख खोल लें। इस प्रक्रिया को कम से कम 3 बार करें। आखिर में अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ें और फिर उस गर्म हथेली से आंखों को स्पर्श करते हुए आंख खोलें। ध्यान रखें कि आंख खोलने के दौरान आपकी नजर आपकी नाक पर ही होनी चाहिए। इस आसान को सप्ताह में कम से कम 3 बार जरूर करें।
* सर्वांगासन :
पीठ के बल सीधा लेट जाएँ। पैर मिले हुए, हाथों को दोनों ओर बगल में सटाकर हथेलियाँ जमीन की ओर करके रखें। श्वास अन्दर भरते हुए आवश्यकतानुसार हाथों की सहायता से पैरों को धीरे-धीरे 30 डिग्री, फिर 60 डिग्री और अन्त में 90 डिग्री तक उठाएँ। 90 डिग्री तक पैरों को न उठा पाएँ तो 120 डिग्री पर पैर ले जाकर व हाथों को उठाकर कमर के पीछे लगाएँ।वापस आते समय पैरों को सीधा रखते हुए पीछे की ओर थोड़ा झुकाएँ। दोनों हाथों को कमर से हटाकर भूमि पर सीधा कर दें। अब हथेलियों से भूमि को दबाते हुए जिस क्रम से उठे थे उसी क्रम से धीरे-धीरे पहले पीठ और फिर पैरों को भूमि पर सीधा करें।
* अनुलोम-विलोम :
अनुलोम विलोम प्राणायाम को करने के लिए पालकी मांढ़कर बैठ जाये। आपकी कमर और गर्दन दोनों सीधी होनी चाहिए। अब अपनी आंखें बंद कर लें। अब अपने सीधे हाथ को नासारन्ध्रों पर ले जाएं। अब अपनी बीच की अंगुलियों को सीधा रखते हुए अंगूठे से दाएं नासारन्ध्र(नाक के छिद्र) को बंद कर लें। और बाएं नासारन्ध्र से धीरे-धीरे सांस को बाहर की ओर निकालें। सांस छोड़ने के बाद अब बाएं नासारन्ध्र से ही सांस भरना प्रारंभ करें। अधिक से अधिक सांस भरने के बाद बाएं नासारन्ध्र को अंगुलियों की मदद से बंद कर लें व अंगूठे को दाएं नासारन्ध्र से हटाकर दाईं नासिका से सांस को धीरे-धीरे बाहर निकालें। इस प्रक्रिया 3 से 5 मिनट दोहराये। इस आसान को करने से मानसिक तनाव दूर होता है। आँखों की थकावट दूर होती है और रौशनी बढ़ती है।