रूस ला रहा कोरोना की एक और वैक्सीन, जानें इसके बारे में

By: Ankur Tue, 25 Aug 2020 4:47:28

रूस ला रहा कोरोना की एक और वैक्सीन, जानें इसके बारे में

कोरोना का प्रकोप आमजन की चिंता बढ़ा रहा हैं और सभी को इसकी वैक्सीन का इन्तजार हैं। रूस द्वारा सबसे पहले स्पुतनिक-वी वैक्सीन निकाली गई। हांलाकि इसके कुछ साइड इफेक्ट भी दिखाई दिए थी। लेकिन इस कड़ी में अब रूस एक और वैक्सीन लेकर आया हैं जिसका नाम हैं EpiVacCorona जिसे वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी के साथ मिलकर तैयार किया गया है। यह वैक्सीन अभी ट्रायल में हैं जो कि सितंबर में पूरा हो जाने की उम्मीद है। वैक्सीन का पहला ट्रायल 57 वॉलंटियर्स पर किया गया था।

वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी के साथ मिलकर इस वैक्सीन को तैयार किया गया है। यह दुनिया के उन दो प्रमुख संस्थानों में से एक है, जिसके पास चिकनपॉक्स यानी चेचक की वैक्सीन का सबसे बड़ा स्टॉक है। वैक्सीन की ड्रग साइबेरिया के सोवियत बायोलॉजिकल वेपंस रिसर्च प्लांट से मंगाई गई है।

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वैज्ञानिकों का दावा है कि जिन वॉलंटियर्स पर वैक्सीन का ट्रायल किया गया, उन्हें 23 दिन के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था। ट्रायल के दौरान उनकी जांच की गई। वैज्ञानिकों का लक्ष्य इम्यून रेस्पॉन्स देखना था। इसके लिए 14 से 21 दिन में वॉलंटियर्स को वैक्सीन की दो डोज दी गईं।

उम्मीद जताई जा रही है कि सितंबर में ट्रायल पूरा होने के बाद अक्तूबर में वैक्सीन का पंजीकरण करा लिया जाएगा, जबकि नवंबर से वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। वैक्सीन के बारे में दावा है कि अब तक हुए ट्रायल में कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है।

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मालूम हो कि सोवियत बायोलॉजिकल वेपंस रिसर्च प्लांट और वेक्टर रिसर्च सेंटर ने मिलकर अब तक कोरोना की 13 वैक्सीन पर साथ काम किया है। इनकी जानवरों पर टेस्टिंग हुई थी। वेक्टर रिसर्च सेंटर के साथ मिलकर औद्योगिक स्तर पर स्मॉल पॉक्स का भी टीका बनाया गया था। पिछले कुछ सालों में रूस ने इसी संस्थान के साथ मिलकर ब्यूबोनिक प्लेग, इबोला, हेपेटाइटिस-बी, एचआईवी, सार्स और कैंसर का एंटीडोज तैयार किया था।

इस वैक्सीन से पहले बीते 11 अगस्त को रूस ने दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन 'स्पुतनिक-वी' का पंजीकरण कर कई देशों को चौंका दिया था। हालांकि रूस के रक्षा मंत्रालय और गामालेया रिसर्च सेंटर द्वारा तैयार यह वैक्सीन पंजीकृत होने के साथ ही विवादों में घिर गई। हालांकि रूस ने आरोपों का खंडन किया है और कई देशों के साथ मिलकर इसके उत्पादन और विपणन की तैयारी में है।

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