जानिए, रमज़ान में क्या खाएं और क्या न खाएं?
By: Priyanka Maheshwari Wed, 23 May 2018 11:17:51
हिजरी या इस्लामी चन्द्र कैलेंडर के नौवें महीने को ‘रमदान-अल-मुबारक’ या रमदान कहा जाता है। इस पूरे महीने में दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा रोज़े रखे जाते हैं जिसमें इस दौरान दिनभर कुछ भी खाना या पीना मना होता है। रमज़ान के महीने को नेकियों, आत्मनियंत्रण और खुद पर संयम रखने का महीना माना जाता है। रमज़ान का महीना पूरे 30 दिन का होता है और हर दिन रोज़ा रखा जाता है। मान्यता है कि इस महीने हर रोज़ कुरान पढ़ने से ज़्यादा सबाब मिलता है। रोजा रखने वालों को इस महीने में खान-पान पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है। रोजे के समय दिन में कुछ भी नहीं खाया-पीया जाता है क्योंकि सिर्फ एक डकार आने से भी उनके रोजा टूट सकता है। इसलिए सेहरी से लेकर इफ्तारी तक के खाने में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए।
रोज़ा के दौरान मुसलमान खाने-पीने से दूर रहने के साथ-साथ सेक्स, अपशब्द, गुस्सा करने से भी परहेज करते हैं। इस दौरान कुरान पढ़कर और सेवा के जरिए अल्लाह का ध्यान किया जाता है। रोज़े की शुरुआत सुबह सूरज के निकलने से पहले के भोजन से होती है जिसे 'सुहूर' कहा जाता है और सूरज डूबने के बाद के भोजन को 'इफ्तार' कहा जाता है। तो आइए जान लेते हैं कि इस दौरान एक रोजदार को क्या खाना चाहिए और किन-किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
इन चीजों से करें परहेज
- समोसे
- तली हुई चिकन
- तले हुए रोल
- परांठे
- आलू से बनी चीजें
- ज्यादा कॉफी या सोडा के परहेज
- पीनट बटर
- पिज्जा
-फास्ट फूड्स
इन चीजों का करें सेवन
- सेवई (सेहरी)
- नारियल पानी
- खजूर
- ताजे फल
- दूध और दही
- सूखे मेवे
- जूस
इसके अलावा इफ्तार में खजूर खाना फायदेमंद रहता है। क्योंकि इसमें आयरन और दूसरे पोषक तत्व होते हैं। इफ्तार के समय तला हुआ खाना शरीर के लिए हानिकारक होता है। इफ्तार में तला हुआ खाना खाने से बचना चाहिए। अगर रमजान के वक्त अपच की समस्या आती है तो इसे पचाने के लिए फाइबरयुक्त चीजें खानी चाहिए।
इफ्तार के समय खाने खाते समय कम से कम पानी पीना चाहिए। क्योंकि ज्यादा पानी पीने खाना पचता नहीं है। जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। रमजान के महीने में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन खाना चाहिए। अधिक मात्रा में प्रोटीन खाने से कम भूख लगती है। ध्यान रहे कि इफ्तारी या सहरी के समय किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ का सेवन न करें। क्योंकि इन गलतियों को अल्लाह कभी माफ नहीं करता।