कहीं आप भी तो नहीं करती गर्भ निरोधक दवाइयों का ज्यादा इस्तेमाल, जानें जरूरी जानकारी
By: Ankur Fri, 28 Feb 2020 7:11:05
अक्सर देखा जाता हैं कि कई महिलाएं संबंध बनाने के बाद गर्भ निरोधक दवाइयों का इस्तेमाल करती हैं जो कि ओवुलेशन को रोकने का काम करती हैं और इससे अंडाणु उत्पान नहीं होते हैं एवं महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाती। ये कई तरह की दवाइयां होती हैं। अगर आप भी इसका इस्तेमाल करती हैं तो यह जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी हैं क्योंकि इसके कुछ साइड इफ़ेक्ट भी हैं जो आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
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स्पॉटिंग
पीरियड्स में अधिक रक्त्स्राव होना सामान्य है लेकिन आमतौर पर गर्भनिरोधक दवा लेने के 3 महीने के भीतर हल हो जाता है। अगर अपने डोज मिस नहीं किया है और रोजाना दवा लेती हैं तो स्पॉटिंग के दौरान भी दवा का प्रभाव रहता है। अगर किसी को दवा लेने के बावजूद 5 दिन से अधिक ब्लीडिंग होती है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
सिरदर्द या माइग्रेन
गर्भनिरोधक दवा लेने से सिरदर्द बढ़ सकता है या माइग्रेन की शिकायत भी हो सकती है। अलग-अलग प्रकार के हार्मोन की डोज होने के कारण लक्षण भी अलग हो सकते हैं। कम डोज वाली दवा के इस्तेमाल से सिरदर्द कम हो सकता है।
मूड स्विंग
कुछ स्टडी में ये भी सामने आया है कि इन दवाओं के इस्तेमाल से मूड पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे अवसाद यानी डिप्रेशन भी हो सकता है।
वजन बढ़ना
कई क्लीनिकल शोध में सामने आया है कि गर्भनिरोधक दवाओं के सेवन से वजन भी बढ़ता है। एक समीक्षा के अनुसार, अधिकांश अध्ययनों में पाया गया है कि सिर्फ प्रोजेस्टिन गर्भनिरोधक लेने से 6 या 12 महीनों में 2 किलोग्राम तक वजन बढ़ता है।
आंखों में परिवर्तन
गर्भनिरोधक दवाओं के इस्तेमाल से हार्मोनल परिवर्तन से आंखों की कॉर्निया मोटी हो सकती है। इससे आंखों की कोई गंभीर बीमारी तो नहीं होती लेकिन अगर आप लेंस का इस्तेमाल करती हैं तो वो फिट नहीं आएंगे।