दावा : 10 सेकंड सांस रोकने वालें नहीं होंगे कोरोना का शिकार, जानिए कितनी सच्चाई

By: Pinki Tue, 24 Mar 2020 2:15:13

दावा : 10 सेकंड सांस रोकने वालें नहीं होंगे कोरोना का शिकार, जानिए कितनी सच्चाई

कोरोना वायरस (Coronavirus) आज दुनिया के 195 से ज्यादा देशों को अपने गिरफ्त में ले लिया है। इस वायरस से 3,80,000 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके है। इस जानलेवा वायरस से बचने के लिए सोशल मीडिया पर कई तरह के नुस्खे और अफवाहें फैलाई जा रही है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स दावा कर रहे हैं कि कोरोना वायरस की जांच इंसान घर बैठे मुफ्त में कर सकता है। इसके लिए किसी तरह के टेस्ट की आवश्यक्ता नहीं है।

यूजर्स का दावा है कि यदि कोई इंसान अपनी सांस को पूरे 10 सेकंड तक रोक सकता है तो समझ लीजिए, उसका शरीर कोरोना वायरस की चपेट में नहीं है। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें कहा गया है कि यदि 10 सेकंड सांस रोकने पर किसी व्यक्ति को खांसी, गले में जकड़न या अन्य कोई समस्या नहीं होती तो वह इंसान बिल्कुल ठीक है।

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सोशल मीडिया पर फैली इस जानकारी की असल सच्चाई यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के चीफ क्वालिटी ऑफिसर डॉक्टर फहीम यूनुस ने बताई है। डॉ फहीम ने सोशल मीडिया पर किए जा रहे ऐसे दावों को महज अफवाह बताया है।

डॉ फहीम ने कहा, 'पूरी दुनिया में ऐसे कई कोरोना वायरस पीड़ित हैं जो 10 सेकेंड से ज्यादा अपनी सांस रोक पाने में सक्षम हैं। जबकि दूसरी ओर, कई बुजुर्ग कोरोना वायरस पीड़ित न होने पर भी इतनी देर अपनी सांस को नहीं रोक सकते।'

न्यूयॉर्क के पुलमोनोलॉजिस्ट एंड इनफेक्शियस डिसीज स्पेशलिस्ट डॉ थॉमस नैश ने भी इसे अफवाह बताया है। सोशल मीडिया पर फैलाई गई इस अफवाह के पीछे स्टैनफोर्ड हॉस्पिटल का हवाला दिया गया है।

बता दें कि कोरोना का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अबतक भारत में 511 लोग कोरोना के पॉजिटिव पाए गए हैं। इसमें से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र और केरल हैं।

महाराष्ट्र में 101 और केरल में 95 केस

महाराष्ट्र में सोमवार को कोरोना वायरस के 23 मामले सामने आए थे। इसमें अकेले मुंबई में 15 केस पॉजिटिव पाए गए थे। महाराष्ट्र में अब तक 101 और केरल में 95 केस सामने आए हैं। महाराष्ट्र में दो लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस को महाराष्ट्र में फैलने से रोकने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है। राज्य सरकार ने धारा 144 नाकाम रहने के बाद यह कदम उठाया। राज्य के भीतर जिलों की सीमाएं भी सील की गई हैं। इससे दूसरे जिलों से निजी वाहन, बस और अन्य परिवहन सेवाओं की आवाजाही नहीं हो सकेगी। वहीं, कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज को प्राथमिकता देने के लिए सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को वैकल्पिक सर्जरी स्थगित करने के लिए कहा गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को नागरिकों से अपील की वे कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर अपनी और अपनों की सुरक्षा के लिए घरों में रहें। राज्य में सख्त हिदायत के बावजूद कई लोगों को सड़कों पर देखा गया और कई मुख्य सड़कों पर वाहनों के कारण यातायात बाधित रहा। इसके मद्दनेजर ठाकरे ने कहा, 'लोगों को कोविड-19 के खिलाफ इस जंग को गंभीरता से लेना चाहिए। सीआरपीसी की धारा 144 इसलिए लगाई गई ताकि आवश्यक सेवाएं जारी रहें जबकि शेष सेवाएं 31 मार्च तक निलंबित हैं। लोगों को सड़कों पर भीड़ लगाकर नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।' मुंबई पुलिस ने पिछले 24 घंटे में धारा 144 तोड़ने पर 31 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं।

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