दिमाग़ को शांत और तनाव को दूर करता है यह आसन, इसके और भी है फायदे
By: Priyanka Maheshwari Sun, 17 June 2018 4:02:57
शीर्षासन का नाम शीर्ष शब्द पर रखा गया है, जिसका मतलब होता है सिर। शीर्षासन को सभी आसनों का राजा माना जाता है। इसे करना शुरुआत में कठिन ज़रूर है लेकिन इसके लाभ अनेक हैं। कई योगी सिर्फ इसी एक आसन का लम्बे समय तक अभ्यास करते हैं और इसे ही पूरा योगाभ्यास भी कहते हैं।
शीर्षासन करने का तरीका
- शीर्षासन करने के लिए अपनी योगा मैट या ज़मीन पर कंबल या कोई मोटा तौलिया बिछाकर वज्रासन में बैठ जाएं। बाद में इस पर आपको अपना सिर टीकाना है, तो यह आपके सिर को एक नरम पैड देगा।
- अब आगे की ओर झुककर दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिका दें।
- दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में सख्ती से जोड़ लें। इनके बीच में आपको सिर रख कर उसे सहारा देना है।
- अब सिर को दोनों हथेलियों के बीच में धीरे से रखें। सांस सामान्य रखें।
- पैर की उंगलियों पर उपर आ जायें आपका शरीर त्रिकोण मुद्रा में होगा।
- धीरे से आयेज की तरफ पारों को लेकर आयें ताकि आपकी पीठ एकदम सीधी हो जाए -- ज़मीन और आपकी पीठ में 90 डिग्री का ऐंगल होना चाहिए।
- जब पीठ एकदम सीधी हो जाए, धीरे-धीरे शरीर का पूरा वजन बाज़ुओं (फोरआरम) पर डालते हुए शरीर को ऊपर की उठाना शुरू करें।
- पहले टाँगों को सिर्फ़ "आधा" उठायें, ताकि आपके घुटने छाती को छू रहे हूँ और पैर मुड़े हों इस मुद्रा में 1-2 मिनिट रहना का अभ्यास करें और फिर ही अगला स्टेप करें (इस में आपको कुछ हफ्ते या महीने भी लग सकते हैं)।
- जब आप पिछले स्टेप में निपुण हो जायें, फिर दोनो टाँगों को सीधा उपर उठाने की कोशिश करें। कोशिश करें की कम से कम भार सिर पर लें। शरीर को सीधा कर लें।
- शुरुआत में कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं ५ मिनिट से ज़्यादा ना करें। 30 सेकेंड से 5 मिनिट का सफ़र तय करने में आपको कुछ महीने या साल भी लग सकते हैं तो जल्दबाज़ी ना करें!
शीर्षासन के फायदे
- दिमाग़ को शांत करता है और तनाव और हल्के अवसाद से राहत देने में मदद करता है।
- शीर्षासन पिट्यूटरी और पीनियल ग्रंथियों को उत्तेजित करता है।
- हाथों, टाँगों, और रीढ़ की हड्डी को मज़बूत करता है।
- शीर्षासन फेफड़ों की कार्यकौशलता बढ़ाता है।
- शीर्षासन से पाचन अंगों पर सकारात्मक असर होता है जिस से कब्ज़ में राहत मिलती है।
- रजोनिवृत्ति के लक्षणों से राहत देता है शीर्षासन।
- अस्थमा, बांझपन, अनिद्रा, और साइनसिटिस के लिए चिकित्सीय है।