शोध में हुआ कोरोना के ब्रिटेन स्ट्रेन को लेकर खुलासा, नहीं बनता अधिक गंभीर मामलों का कारण

By: Ankur Wed, 03 Feb 2021 1:32:25

शोध में हुआ कोरोना के ब्रिटेन स्ट्रेन को लेकर खुलासा, नहीं बनता अधिक गंभीर मामलों का कारण

कोरोना का कहर अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। दुनियाभर में हर दिन लाखों लोग इससे संक्रमित हो रहे हैं और मौतों का आंकड़ा भी जारी हैं। ऐसे में ब्रिटेन में कोरोना का नया स्ट्रेन मिलने से चिंता और बढ़ गई थी क्योंकि इसे ज्यादा संक्रमित माना जा रहा था। लेकिन अब किंग्स कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों द्वारा की गई रिसर्च में खुलासा हुआ हैं कि नया स्ट्रेन संक्रामक जरूर है, लेकिन यह अधिक गंभीर मामलों का कारण नहीं बनता है।

उनका यह भी कहना है कि यह स्ट्रेन जिस रफ्तार से फैल रहा है, अगर यह लोगों को संक्रमित करता है तो इससे अधिक लोगों की मौत हो सकती है। ऐसी आशंकाएं थीं कि B.1.1.7 नाम से जाना जाने वाला यह स्ट्रेन पुराने वायरस तुलना में अधिक खतरनाक हो सकता है, इसके अलावा यह 70 फीसदी तक अधिक संक्रामक हो सकता है। ब्रिटेन के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार सर पैट्रिक वॉलेंस ने पिछले महीने लंदन में हुई एक प्रेस वार्ता में कहा था कि यह अधिक घातक प्रतीत हुआ है।

Health tips,health research,corona research,coronavirus,corona study ,हेल्थ टिप्स, हेल्थ रिसर्च, कोरोना रिसर्च, कोरोनावायरस, कोरोना स्टडी

किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा सितंबर से दिसंबर 2020 के बीच ब्रिटेन में 55,000 कोरोना मरीजों की मृत्यु दर की तुलना पर किए गए एक अध्ययन में देश के दक्षिण और पूर्व में नए स्ट्रेन के संक्रमण के अधिक मामले वाले क्षेत्रों और कम संक्रमण संख्या वाले क्षेत्रों के बीच 'कोई खास अंतर' नहीं पाया गया। इस दौरान शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि रोग की गंभीरता का संकेत देने वाले लक्षण भी दोनों प्रकार के रोगियों के साथ मेल खाते हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि 0.7 फीसदी की दर से नए स्ट्रेन से संक्रमित कोरोना मरीजों में पुन: संक्रमण के मामलों की दर प्रभावी रूप से मूल वायरस से संक्रमित मरीजों के समान ही थी। प्रमुख शोधकर्ता डॉ. मार्क ग्राहम कहते हैं, 'हमारे अध्ययन से पता चलता है कि नया स्ट्रेन पुराने स्ट्रेन की तुलना में अधिक संक्रामक है। यह वास्तव में नए स्ट्रेन की मृत्यु दर में वृद्धि से अधिक चिंताजनक है, क्योंकि प्रसार की घातीय प्रवृति के कारण यह अधिक लोगों को संक्रमित करेगा और इस प्रकार अधिक लोगों की मौत की संभावना बढ़ जाएगी।

Health tips,health research,corona research,coronavirus,corona study ,हेल्थ टिप्स, हेल्थ रिसर्च, कोरोना रिसर्च, कोरोनावायरस, कोरोना स्टडी

विश्व स्वास्थ्य संगठन की मारिया वान केरखोव ने बीते सोमवार को बताया कि ब्रिटेन में पाया गया कोरोना का स्ट्रेन अब तक 82 देशों में फैल चुका है, जबकि दक्षिण अफ्रीकी स्ट्रेन लगभग 40 देशों में फैला है। इसके अलावा कोविड-19 का ब्राजील स्ट्रेन भी नौ देशों में फैल चुका है। अमेरिका में इन तीनों ही स्ट्रेन से संक्रमण के मामले सामने आए हैं। अमेरिका ने पुष्टि की है कि उसके यहां ब्रिटेन वाले स्ट्रेन के 467 मामले, दक्षिण अफ्रीका वाले स्ट्रेन के तीन मामले और ब्राजील वाले स्ट्रेन का एक मामला देखने को मिला है।

कई वैज्ञानिक यह दावा कर चुके हैं कि मौजूदा वैक्सीन कोरोना के नए स्ट्रेन पर भी प्रभावी होंगी। ऐसा दावा करने वालों में जर्मनी की मशहूर फार्मा कंपनी बायोएनटेक भी शामिल है। बायोएनटेक के मुख्य कार्यकारी उगर साहिन ने हाल ही में कहा था कि यह नया स्ट्रेन पहले वाले वायरस से 99 फीसदी मेल खाता है, इसलिए हमें भरोसा है कि इसपर भी हमारी वैक्सीन प्रभावी होगी। हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा था कि पुख्ता तौर पर कुछ भी कहने के लिए अभी इसपर और अधिक शोध की जरूरत है।

ये भी पढ़े :

# भोजन का स्वाद बढ़ाने के साथ ही ब्‍लड शुगर को नियंत्रित करते हैं ये 5 मसाले

# ये 5 ड्रिंक्स दूर करेगी आपके सिर का दर्द, पीते ही मिलेगा आराम

# कोरोना को लेकर सामने आई नई रिसर्च, महज कुछ ही घंटो में फेफड़ों को बर्बाद कर सकता हैं वायरस

# ताजा ही खाएं ये 5 आहार, बासी खाने पर हो सकती हैं फूड पॉयजनिंग

# आपको असहाय बनाता हैं पीठ के निचले हिस्से का दर्द, इन घरेलू नुस्खों से मिलेगी राहत

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com