प्रद्युम्न की हत्या से भावुक हुए प्रसून जोशी, कविता के जरिये जताई चिंता
By: Kratika Tue, 12 Sept 2017 3:23:37
गुरुग्राम में एक बच्चे की हत्या ने देश भर में सनसनी फैला दी है। जाने-माने गीतकार और अब सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने सोशल मीडिया में बचपन पर एक कविता शेयर की है।
गौरतलब है कि गुरुग्राम के रायन इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर (7 वर्षीय) की बीते शुक्रवार को स्कूल परिसर में चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। उसका शव स्कूल के वॉशरूम से बरामद हुआ था। इस ख़बर ने देश को हिला कर रख दिया है। दरअसल बच्चों की सुरक्षा की चिंता की बाबत देश भर में एक नयी बहस शुरू हो गयी है।
जब बचपन तुम्हारी गोद में आने से कतराने लगे,
जब माँ की कोख से झाँकती ज़िन्दगी,
बाहर आने से घबराने लगे,
समझो कुछ ग़लत है ।
जब तलवारें फूलों पर ज़ोर आज़माने लगें,
जब मासूम आँखों में ख़ौफ़ नज़र आने लगे,
समझो कुछ ग़लत है
जब ओस की बूँदों को हथेलियों पे नहीं,
हथियारों की नोंक पर थमना हो,
जब नन्हें-नन्हें तलुवों को आग से गुज़रना हो,
समझो कुछ ग़लत है
जब किलकारियाँ सहम जायें
जब तोतली बोलियाँ ख़ामोश हो जाएँ
समझो कुछ ग़लत है
कुछ नहीं बहुत कुछ ग़लत है
क्योंकि ज़ोर से बारिश होनी चाहिये थी
पूरी दुनिया में
हर जगह टपकने चाहिये थे आँसू
रोना चाहिये था ऊपरवाले को
आसमान से
फूट-फूट कर
शर्म से झुकनी चाहिये थीं इंसानी सभ्यता की गर्दनें
शोक नहीं सोच का वक़्त है
मातम नहीं सवालों का वक़्त है ।
अगर इसके बाद भी सर उठा कर खड़ा हो सकता है इंसान
तो समझो कुछ ग़लत है l