नवरात्रि स्पेशल : नवरात्रि पर खेसारी लाल यादव ने फैन्स के लिए गाया 'रुनझुन बाजे पैजनिया...', वीडियो वायरल

By: Priyanka Maheshwari Wed, 10 Oct 2018 11:41:29

नवरात्रि स्पेशल : नवरात्रि पर खेसारी लाल यादव ने फैन्स के लिए गाया 'रुनझुन बाजे पैजनिया...', वीडियो वायरल

हर साल आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रा का प्रारंभ होता हैं, जो इस बार 10 अक्टूबर से प्रारंभ हो रही हैं। देश के हर हिस्से में नवरात्रा के दिनों में मातारानी की पूजा-अर्चना की जाती हैं। नवरात्रि का प्रारंभ कलश स्थापना के साथ किया जाता हैं। जिसका सही मुहूर्त देखकर और पूर्ण पूजन विधि के साथ किया जाना जरूरी हैं। मंदिरों के साथ ही घरों में भी घट स्थापना की जाती हैं। नवरात्रि के मौके पर देवी गीत का भी बहुत महत्व है। भोजपुरी इंडस्ट्री के सुपरस्टार एक्टर व सिंगर खेसारी लाल यादव Khesari Lal Yadav ने नवरात्रि के उपलक्ष्य में नवरात्रि गीत भी गाये हैं। खेसारी लाल यादव के गाये हुए सभी देवी गीत यूट्यूब पर काफी धमाल मचाए हैं। अब जब नवरात्रि Navratri का मौका है तो खेसारी लाल यादव के पुराने गाए हुए गीत अभी भी इंटरनेट पर सनसनी मचा रही हैं।

खेसारी लाल यादव Khesari Lal Yadav द्वारा शारदीय नवरात्रि Shardiya Navratri के अवसर पर गाया हुआ गीत 'रुनझुन बाजे पैजनिया...' Runn Jhun Baje Paijaniya सॉन्ग यूट्यूब पर कमाल का पॉपुलर हुआ। नवरात्र के मौके पर खेसारी लाल ने अपने फैन्स के लिए बहुत ही शानदार देवी गीत गाया। इस वीडियो में खेसारी लाल यादव ने नवरात्री स्पेशल Navratri Special पर न सिर्फ देवी गीत गाया बल्कि अपने मां दुर्गा Maa Durga के सामने नृत्य का भी प्रदर्शन किया। इस वीडियो को अभी तक 2 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। वीनस भोजपुरी के यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुए खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) के देवी गीत को धनंजय मिश्रा ने म्यूजिक दिया है, जबकि लिरिक्स प्यारे लाल यादव उर्फ कवि जी हैं। हालांकि नवरात्रि के मौके पर इस म्यूजिक वीडियो एलबम में कुल 7 देवी गीत हैं। जिसके सारे गाने खेसारी लाल यादव ने ही गाने गये हैं। खेसारी द्वारा गाए हुए कई और भी देवी गीत हैं, जिन्हें फैन्स काफी पसंद कर रहे हैं।

नवरात्र कलश स्थापना शुभ मुहूर्त :

इस साल कलश स्थापित करने का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 26 मिनट तक है। अगर इस समय तक कलश नहीं बैठा पाते हैं तो फिर आपको दोपहर तक का इंतजार करना होगा। दोपहर में अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इस दौरान नवरात्र पूजन के लिए कलश स्थापित किया जा सकता है।

पंचांग के अनुसार इस वर्ष सुबह 7 बजकर 26 मिनट तक ही प्रतिपदा तिथि है। इसके बाद द्वितीय तिथि लग जाएगी लेकिन द्वितीया तिथि को क्षय माना जाएगा क्योंकि सूर्योदय के समय प्रतिपदा तिथि रहेगी इससे परे दिन प्रतिपदा तिथि ही मान्य रहेगी। ऐसे में घट स्थापना के लिए सबसे उत्तम समय प्रातः 7 बजकर 26 मिनट तक है।

नवरात्र घट स्थापना विधि :

नवरात्र में कलश स्थापित करने वाले को सबसे पहले पवित्र होने के मंत्र- ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा। यः स्मरेत्पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः॥ इस मंत्र से स्वयं को और पूजन सामग्रियों को पवित्र कर लेना चाहिए। इसके बाद दाएं हाथ में अक्षत, फूल और जल लेकर दुर्गा पूजन का संकल्प करना चाहिए।

माता की मूर्ति या तस्वीर के सामने कलश मिट्टी के ऊपर रखकर हाथ में अक्षत, फूल, और गंगाजल लेकर वरुण देवता का आह्वान करना चाहिए। कलश में सर्वऔषधी एवं पंचरत्न डालें। कलश के नीचे रखी मिट्टी में सप्तधान्य और सप्तमृतिका मिलाएं।

आम के पत्ते कलश में डालें। कलश के ऊपर एक पात्र में अनाज भरकर इसके ऊपर एक दीप जलाएं। कलश में पंचपल्लव डालें इसके ऊपर लाल वस्त्र लपेटकर एक पानी वाला नारियल रखें।

कलश के नीचे मिट्टी में जौ के दानें फैलाएं। देवी का ध्यान करें- खड्गं चक्र गदेषु चाप परिघांछूलं भुशुण्डीं शिर:, शंखं सन्दधतीं करैस्त्रि नयनां सर्वांग भूषावृताम।

नीलाश्मद्युतिमास्य पाद दशकां सेवे महाकालिकाम, यामस्तीत स्वपिते हरो कमलजो हन्तुं मधुं कैटभम॥

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