#Metoo पर राहुल रॉय का बयान, केवल हीरोइन को ही नहीं हीरो को भी करना पड़ता है समझौता
By: Priyanka Maheshwari Tue, 16 Oct 2018 00:25:21
देश में चल रहे #Metoo कैंपेन के तहत महिलाओं ने खुलकर अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में सभी से शेयर किया। वही आशिकी फिल्म से चर्चित हुए राहुल रॉय ने सोमवार को #Metooकैंपेन पर अपनी राय रखते हुए कहा कि केवल हीरोइन ही नहीं बल्कि हीरो को भी फिल्म इंडस्ट्री में समझौता करना पड़ता है। उन्होंने ऐसे मामलों में आरोपों की जांच के लिए एक समिति बनाने का भी सुझाव दिया।
भिवानी में एक शो में पहुंचे राहुल रॉय ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि लगभग आठ-नौ साल से रिएलिटी शो और सोशल मीडिया के जरिए प्रतिभाएं निकलकर आई हैं।
फिल्म इंडस्ट्री में खुद को स्थापित करने के लिए समझौता किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'केवल हीरोइनें ही नहीं हीरो को भी समझौता करना पड़ता है। यह कड़वी सच्चाई रही है।' उन्होंने कहा कि अगर फिल्म इंडस्ट्री में कामयाब होना है तो शॉर्टकट नहीं बल्कि मेहनत को तवज्जो देनी होगी। #Metoo पर उन्होंने कहा कि ऐसा होता आया है। नब्बे के दशक से पहले भी ऐसी बातें होती थी। मेरी राय में एक कमेटी होनी चाहिए जो कि तय करे कि ऐसा हुआ या नहीं।
उन्होंने कहा कि बॉलीवुड ही नहीं हॉलीवुड में भी ऐसा होता रहा है। कैसे स्थिति को संभालना है, उसके लिए कमेटी होनी ही चाहिए। आरोपों की जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए। केवल फिल्म इंडस्ट्री मे ही नहीं, हर उद्योग मे ऐसा है जो दुर्भागयपूर्ण है।
आयुष्मान खुराना की पत्नी ने कहा - रिश्तेदार होते हैं असली वहशी
बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप ने कहा है कि असली वहशी (रियल क्रीप्स) रिश्तेदार ही हो सकते हैं। बचपन में यौन उत्पीड़न का सामना कर चुकीं 35 साल राइटर और डायरेक्टर ने ट्विटर पर एक लंबे पोस्ट के माध्यम से अपनी स्टोरी शेयर की।
ताहिरा कश्यप Tahira Kashyap ने ट्वीट कर कहा, "मुझे करीब 20 साल बाद शांति मिली, जब मैंने इसे अपने पति और परिजनों के साथ साझा किया। अक्सर करीबी लोग, विशेषकर रिश्तेदार (जिन पर आप विश्वास करते हैं) आपकी जिंदगी में असली वहशी (रियल क्रीप्स) होते हैं। मुझे पता है कि (यौन) उत्पीड़न होने पर कैसा महसूस होता है, बरसों तक यह अंदर बसा रहता और उसे याद करने पर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं।" कश्यप ने कहा कि वह शारीरिक स्पर्श से डरने लगी थीं और कहा कि वह आयुष्मान ही हैं जिन्होंने प्यार और धैर्य के साथ उनके घाव भरे। उन्होंने कहा, "जब मैंने अपने पति (उस वक्त प्रेमी) के साथ डेटिंग शुरू की थी तो मैं शारीरिक स्पर्श से काफी डरी हुई थी, मैं शारीरिक निकटता के हर कदम पर रोया करती थीं। उनके प्यार और धैर्य ने मुझे संभाला।" ताहिरा ने कहा कि पहले बच्चे के जन्म के बाद तक भी उस पीड़ा की यादें मुझे डराया करती थीं। उन्होंने कहा, "मेरे पहले बच्चे के बाद भी मेरे सीने पर भारी बोझ बना हुआ था। उस पीड़ा की यादें मुझे डराया करती थीं और इसलिए मैंने अपनी बचपन की पीड़ा को अपने पति और परिजनों को बताने का फैसला किया।" ताहिरा ने कहा कि मी टू केवल चर्चित चेहरों के लिए नहीं है और उन्हें लगता है कि सभी क्षेत्रों की महिलाओं को उन पुरुषों को सामने लाने में शर्म नहीं आनी चाहिए, जिन्होंने अपनी सीमाएं पार कीं।