घर की खिडकियों से जुड़े कुछ जरुरी वास्तु टिप्स

By: Kratika Wed, 17 Jan 2018 06:04:43

घर की खिडकियों से जुड़े कुछ जरुरी वास्तु टिप्स

किसी भी घर या भवन में हर चीज का अपना महत्व होता हैं। उसी तरह खिडकियों का भी अपना महत्व हैं। भवन की खिड़कियाँ भवन के भीतर प्रकाश और हवा लाने का काम करती हैं। लेकिन क्या आप जानते है खिड़कियाँ वास्तु में भी अपना महत्व रखती हैं। जिसकी वजह से घर में नकारात्मकता या सकारात्मकता का वास होता हैं। तो आइये जानते हैं खिडकियों से जुड़े वास्तु टिप्स के बारे में।

* वास्तुशास्त्र का पहला नियम कहता है कि घर में खिडकियों की संख्या हमेशा सम होनी चाहियें अर्थात 2, 4, 6, 8 इत्यादि होनी चाहियें। विषम संख्या भी घर में नकारात्मकता का प्रवेश करता है।

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* घर में खिड़कियां का मुख्य उद्द्देश्य भवन के अंदर शुद्ध वायु और रौशनी लिए होता है अत: इसी के अनुरूप ही खिड़कियाँ बनानी चाहिए।

* मुख्य द्वार पर खिड़की बनवाने का उद्देश्य सिर्फ घर में सुख शान्ति है, जिसके लिए आपको घर बनवाते वक़्त मुख्य द्वार के दोनों तरह समान आकार की खिडकियों बनवानी चाहियें। इससे एक चुम्बकीय चक्र का भी निर्माण होता है जो घर में सुखों का कारक होता है।

* पूर्व दिशा भगवान सूर्य की दिशा है अत: इस दिशा में भी ज्यादा से ज्यादा खिड़कियाँ होनी चाहिए जिससे भवन में सूर्य की रौशनी और उसका प्रकाश पर्याप्त मात्रा में भवन में आ सके। इससे भवन के निवासियों को अच्छे स्वास्थ्य और मान सम्मान की प्राप्ति होती है।

* ध्यान रखें कि खिड़कियाँ हमेशा घर के अंदर की तरफ ही खुलें नाकि बाहर की तरफ, साथ ही आप इस बात का भी स्मरण रखें कि खिडकियों के खुलते या बंद होते वक़्त उनमे से किसी भी तरह की आवाज ना आती हो। ये सब घर पर बुरा असर डालते है।

* खिड़कियां भवन की जिस भी दीवार में बनाई जाय वह ऊपर-नीचे न होकर एक ही लाइन में बनानी चाहिए।

* ध्यान रखें कि आपके घर की खिड़की के सामने ना तो कोई डिश एंटीना लगा हो और ना ही कोई सेटेलाइट इत्यादि, क्योंकि इसका सीधा असर आपके बच्चे पर पड़ता है और उसकी पढाई व स्वास्थ्य में बाधायें उत्पन्न होने लगती है।

* खिड़कियों को हमेशा साफ-सुथरी एवं अच्छी हालत में ही रखना चाहिए, खिड़कियों के खुलने बंद करने में आवाज़ भी नहीं होनी चाहिए।

* भवन की खिड़कियों में पुरानी अथवा टूटी फूटी जाली उपयोग में नहीं लाई चाहिए, ना ही उसके पल्ले और सिटकनीयाँ टूटे होने चाहिए अन्यथा जातक का जीवन आर्थिक संकटो में कट जाता है, उसे अपने परिवार के दायित्वों को पूरा करने में बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


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