आखिर क्यों हनुमान जी से नाराज हैं यहां के लोग, पुराणों में घटी यह घटना इसका कारण

By: Ankur Sat, 09 Nov 2019 07:40:54

आखिर क्यों हनुमान जी से नाराज हैं यहां के लोग, पुराणों में घटी यह घटना इसका कारण

आज शनिवार है जो कि शनिदेव के साथ हनुमान जी को भी समर्पित होता हैं। आज एक दिन देशभर में हनुमान जी की पूजा की जाती हैं। लेकिन हमारे देश में एक जगह ऐसी हैं जहां आज के दिन तो क्या कभी भी हनुमान जी की पूजा नहीं की जाती हैं। क्योंकि यहां के लोग हनुमान जी से नाराज हैं और यह घटना पौराणिक काल से जुडी हुई हैं। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड स्तिथ द्रोणागिरि गांव की। तो आइये जानते हैं उस घटना के बारे में जिसकी वजह से यहाँ के रहवासी हनुमान जी से नाराज हैं।

astrology tips,astrology tips in hindi,hanuman ji,mythology,dronagiri mountain ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, हनुमान जी, पौराणिक कथा, द्रोणागिरि पर्वत

द्रोणागिरि गांव उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ प्रखण्ड में जोशीमठ नीति मार्ग पर है। यह गांव लगभग 14000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां के लोगों का मानना है कि हनुमानजी जिस पर्वत को संजीवनी बूटी के लिए उठाकर ले गए थे, वह यहीं स्थित था। चूंकि द्रोणागिरि के लोग उस पर्वत की पूजा करते थे, इसलिए वे हनुमानजी द्वारा पर्वत उठा ले जाने से नाराज हो गए। यही कारण है कि आज भी यहां हनुमानजी की पूजा नहीं होती। यहां तक कि इस गांव में लाल रंग का झंडा लगाने पर पाबंदी है।

द्रोणागिरि गांव के निवासियों के अनुसार जब हनुमान बूटी लेने के लिये इस गांव में पहुंचे तो वे भ्रम में पड़ गए। उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा था कि किस पर्वत पर संजीवनी बूटी हो सकती है। तब गांव में उन्हें एक वृद्ध महिला दिखाई दी। उन्होंने पूछा कि संजीवनी बूटी किस पर्वत पर होगी? वृद्धा ने द्रोणागिरि पर्वत की तरफ इशारा किया। हनुमान उड़कर पर्वत पर गये पर बूटी कहां होगी यह पता न कर सके। वे फिर गांव में उतरे और वृद्धा से बूटीवाली जगह पूछने लगे। जब वृद्धा ने बूटीवाला पर्वत दिखाया तो हनुमान ने उस पर्वत के काफी बड़े हिस्से को तोड़ा और पर्वत को लेकर उड़ते बने। बताते हैं कि जिस वृद्धा ने हनुमान की मदद की थी उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। आज भी इस गांव के आराध्य देव पर्वत की विशेष पूजा पर लोग महिलाओं के हाथ का दिया नहीं खाते हैं और न ही महिलायें इस पूजा में मुखर होकर भाग लेती हैं।

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com