वास्तु से सुधारे अपनी सेक्स लाइफ
By: Kratika Tue, 07 Nov 2017 1:31:46
यदि कुछ समय से आपकी सेक्स लाइफ ठीक नहीं चल रही है, तो अपने बेडरूम का वास्तु चेक करें। हो सकता है वहां कुछ कमी हो। वास्तु के अनुसार बेडरूम को अरेंज करें, इससे आप मानसिक रूप से ख़ुश रहेंगे और पार्टनर के साथ रिश्ता भी गहरा होगा। जहां सकारात्मक ऊर्जा मौजूद होती है, वहां का माहौल भी ख़ुशनुमा बना रहता है। क्या आप जानते हैं कि वास्तु टिप्स से आपकी लव लाइफ और सेक्स लाइफ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है? इसलिए हम आपके लिए लाए हैं कुछ ऐसे ही यूजफुल टिप्स जिससे आपकी जिंदगी में खोई हुई रौनक दोबारा लौट आएगी। सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने के लिए कैसा हो बेडरूम का वास्तु? चलिए, जानते हैं।
# सिर को उत्तर दिशा में रखकर सोने से न स़िर्फ सेक्स लाइफ प्रभावित होती है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी होती हैं। सेक्स के बाद थकान भी अधिक महसूस होती है। इसकी मुख्य वजह है मैग्नेटिक वेव्स यानी चुंबकीय तरंगें जो हमें प्रभावित करती हैं।
# सफेद और हल्के रंग की चादर का इस्तेमाल करें। बेहतर होगा अगर इन पर फूलों की डिजाइन बनी हो। जो लोग शादी करना चाहते हैं उनके लिए गुलाबी और लाल रंग की बेडशीट सबसे अच्छी मानी जाती है।
# इस बात का ध्यान रहे कि बेडरूम में प्रवेश करने के लिए एक से अधिक दरवाज़े न हों। हालांकि ऐसा बहुत कम होता है, मगर तब भी इस ओर विशेष ध्यान दें।
# रोज़ाना सुबह के वक़्त और रात होने से पहले 15 से 20 मिनट के लिए बेडरूम का दरवाज़ा और खिड़की खुला रखें ताकि घर में पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी और ताज़ी हवा का संचार हो सके।
# अपने घर को क्रिस्टल के सामानों से सजाइए। इनसे घर खूबसूरत तो लगता है, ये आपकी लव लाइफ पर भी सकारात्मक असर डालते हैं।
# आपका बेड लकड़ी का होना चाहिए। धातुओं के बेड के प्रयोग से बचें, क्योंकि उनसे पति-पत्नी के बीच ईगो प्रॉब्लम होती है।
# बेडरूम में मंदिर व श्रीयंत्र वगैरह नहीं रखना चाहिए। यहां हम भगवान की मूर्ति जैसी पवित्र चीज़ें रखेंगे, तो उसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। यदि किसी के यहां एक ही कमरा है, तो वे लकड़ी का मंदिर रखकर उसे पर्दे से ढंक सकते हैं।
# साज-सज्जा के अलावा बहुत ज़रूरी है कि कमरा साफ़-सुथरा रहे। न स़िर्फ वास्तु के दृष्टिकोण से, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी साफ़-सफ़ाई ज़रूरी है। यह आपके मूड को भी प्रभावित करती है।
# स़िर्फ सोने के लिए ही बेडरूम की ओर रूख़ न करें, बल्कि बाकी चीज़ें, जैसे- लिखने-पढ़ने, म्यूज़िक सुनने आदि के लिए भी बेडरूम में जाएं यानी सकारात्मकता के लिए ज़्यादा से ज़्यादा समय बेडरूम में बिताएं।