इन 4 वस्तुओं का दुबारा प्रयोग लाता है घर में दरिद्रता
By: Ankur Fri, 17 Nov 2017 5:34:42
हम हमेशा अपने घरों में अपने आराध्य देव के पूजा-पाठ को अंजाम देते हैं। इसके लिए हम कई तरह की वस्तुओं को उपयोग में लाते हैं। इनमें कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं जो हमेशा काम में आती हैं, लेकिन कुछ वस्तुएं ऐसी भी होती हैं, जिनका कोई काम नहीं रह जाता है। कभी-कभी हम जाने-अनजाने में पूजापाठ से जुड़ी कई ऐसी चीजें मंदिर में रखी रहने देते हैं जो नेगेटिविटी बढ़ाती हैं, और उनकी वजह से देवी-देवताओं की कृपा नहीं मिल पाती और घर में दरिद्रता आती है और वहां रहने वाले लोगों को नुकसान का सामना करना पड़ता है। इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि पूजा-पाठ के लिए हमें किन वस्तुओं को उपयोग में दुबारा नहीं लाना चाहिए, क्योंकि माना जाता है कि इन वस्तुओं के दुबारा प्रयोग से घर में दरिद्रता बढ़ती है और भक्त को पाप भी लगता है।
* तुलसी का सूखा पौधा :
आमतौर पर घर में तुलसी के पौधे का होना शुभ होता है, लेकिन अगर किसी कारणवश आपके घर की तुलसी का पौधा सूख जाता है तो आप उसे नदी या तालाब में प्रवाहित कर दें। यह दरिद्रता को बढ़ावा देता है।
* सूखे हार-फूल :
जब भी घर में पूजा करें तो देवी-देवताओं को हार और फूल जरूर चढ़ाएं। लेकिन पूजा करने के बाद अक्सर ये हार-फूल वहीं रखे-रखे सूख जाते हैं या मुरझा जाते हैं और ऐसे ही पड़े रहते हैं। लेकिन आपको बता दें कि सूखे हुए हार-फूल घर में रखना अशुभ होता है। इसीलिए पूजा के बाद जब ये सूखने लगें तो इन्हें घर के गमलों और पौधों में डाल देना चाहिए। ताकि अन्य पौधों के लिए ये खाद का काम कर सकें।
* खंडित मूर्ति ना रखें :
अमूमन सभी हिन्दू परिवारों में मंदिर देखा जा सकता है। कुछ लोग घर में अलग से एक पूजा कक्ष बनवाते हैं जहां भगवान की विशाल एवं भव्य मूर्तियों को स्थापित किया जाता है। किंतु वहीं कुछ लोग घर के किसी एक कोने को भगवान की पूजा के लिए समर्पित करते हुए छोटा-सा मंदिर बनवाते हैं। खैर छोटा हो या बड़ा, घर में बने मंदिर से हर किसी की आस्था एवं भावनाएं जुड़ी होती हैं। वास्तु विज्ञान के अनुसार घर में भूल से भी ‘खंडित मूर्ति’ ना रखें। वास्तु शास्त्र की मानें तो ऐसी मूर्तियां घर में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती हैं। दूसरी ओर शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार खंडित मूर्तियों की पूजा करने से देवतागण नाराज होते हैं।
* टूटे या खंडित दीपक :
ध्यान रहे कि पूजा पाठ के दौरान हमेशा अखंडित दीपक ही भगवान के सामने जलाएं। अगर वो दीपक मिट्टी का हो और कहीं से जरा सा भी टूट गया हो तो पूजा में उसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यहां तक की ऐसे दीपक को घर में भी नहीं रखना चाहिए।