श्राद्ध का सर्वश्रेष्ठ समय है कुतप काल, जानें इसके बारे में

By: Ankur Tue, 02 Oct 2018 2:35:49

श्राद्ध का सर्वश्रेष्ठ समय है कुतप काल, जानें इसके बारे में

श्राद्ध पक्ष के सोलह दिन पितरों का स्मरण कर उनका श्राद्ध किया जाता हैं। इन सोलह दिनों में पितृगणों की तृप्ति के लिए दान-पुण्य और ब्राह्मण भोजन कराया जाता हैं, जिससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं उनकी कृपा बनी रहती है। लेकिन क्या अप जानते हैं कि श्राद्ध करने का भी एक विशेष समय होता हैं और आज हम आपको श्राद्ध के सर्वश्रेष्ठ समय कुतप काल के बारे में बताने जा रहे हैं।

श्राद्ध के भी कई प्रकार होते हैं जैसे नान्दी श्राद्ध, पार्वण श्राद्ध एवं मासिक श्राद्ध आदि किन्तु श्राद्ध पक्ष के सोलह दिनों में तिथि अनुसार श्राद्ध करने से अनन्त गुना फ़ल प्राप्त होता है एवं पितृगण संतुष्ट होकर अपने आशीष प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं कि किस समय किया गया श्राद्ध अनंत फ़लदायी होता है।

shradh best time,shradh kaal,pitr paksh,shradh paksh,pitrgan ,श्राद्ध का सर्वश्रेष्ठ समय, श्राद्ध पक्ष, पितृ पक्ष, पितृगण, कुतप काल

श्राद्ध पक्ष के सोलह दिनों में सदैव कुतप बेला में ही श्राद्ध संपन्न करना चाहिए। दिन का आठवां मुहूर्त कुतप काल कहलाता है। दिन के अपरान्ह 11:36 मिनिट से 12:24 मिनिट तक का समय श्राद्ध कर्म के विशेष शुभ होता है। इस समय को कुतप काल कहते हैं। इसी समय पितृगणों के निमित्त धूप डालकर, तर्पण, दान व ब्राह्मण भोजन कराना चाहिए।

शास्त्रों में गजच्छाया योग में श्राद्ध कर्म करने से अनन्त गुना फ़ल बताया गया है। गजच्छाया योग कई वर्षों बाद बनता है इसमें किए गए श्राद्ध का अक्षय फ़ल होता है। गजच्छाया योग तब बनता है जब सूर्य हस्त नक्षत्र पर हो और त्रयोदशी के दिन मघा नक्षत्र होता है। यदि यह योग महालय (श्राद्धपक्ष) के दिनों में बन जाए तो अत्यंत शुभ होता है।

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com