कहीं आप तो नहीं कर रहे श्राद्ध में यह बड़ी गलतियां, जरूर ध्यान रखें इन बातों का
By: Ankur Sat, 29 Sept 2018 2:29:05
आश्विन मास के पितृ पक्ष में पूर्वजों का धरती पर आगमन होता हैं और इन 16 दिनों में सभी लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं और दान-पुण्य करते हैं, जो कि स्वर्गवासी पूर्वजों की आत्मा को संतुष्ट करता हैं। लेकिन श्राद्ध करते समय कई सावधानियों का ध्यान रखने की भी आवश्यकता होती हैं, अन्यथा इसका उल्टा प्रभाव भी पास सकता हैं। इसलिए आज हम आपके लिए सामान्यतया श्राद्ध के समय होने वाली कुछ गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका ध्यान रखना बेहद जरूरी हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
* पितरों के निमित्त सारी क्रियाएं गले में दाएं कंधे मे जनेउ डाल कर और दक्षिण की ओर मुख करके की जाती है।
* श्राद्ध का समय हमेशा जब सूर्य की छाया पैरों पर पड़ने लग जाए तब उचित होता है, अर्थात दोपहर के बाद ही शास्त्र सम्मत है। सुबह-सुबह अथवा 12 बजे से पहले किया गया श्राद्ध पितरों तक नहीं पहुंचता है। ऐसे में पितर नाराज हो सकते हैं।
* श्राद्ध के नाम पर सुबह-सुबह हलवा- पूरी बनाकर मन्दिर में और पंडित को देने से श्राद्ध का फर्ज पूरा नहीं होता है। ऐसे श्राद्धकर्ता को उसके पितृगण कोसते हैं क्योंकि उस थाली को पंडित भी नहीं खाता है बल्कि कूड़ेदान में फेंक देता है। जहां सूअर, आवारा कुत्ते आदि उसे खाते हैं।
* श्राद्ध के दिन लहसुन, प्याज रहित सात्विक भोजन ही घर की रसोई में बनना चाहिए।
* उड़द की दाल, बडे, चावल, दूध, घी से बने पकवान, खीर, मौसमी सब्जी जैसे तोरई, लौकी, सीतफल, भिण्डी कच्चे केले की सब्जी ही भोजन में मान्य है।
* आलू, मूली, बैंगन, अरबी तथा जमीन के नीचे पैदा होने वाली सब्जियां पितरों को नहीं चढ़ती है।