सर्वपितृ अमावस्या : आज श्राद्ध का अंतिम दिन, इन कार्यों के साथ संपन्न कर पाएं पितरों का आशीर्वाद

By: Ankur Mundra Thu, 17 Sept 2020 07:29:15

सर्वपितृ अमावस्या : आज श्राद्ध का अंतिम दिन, इन कार्यों के साथ संपन्न कर पाएं पितरों का आशीर्वाद

आज सर्वपितृ अमावस्या है जिसे पितरों की विदाई के लिए जाना जाता हैं। आज श्राद्ध का अंतिम दिन हैं और पूरे श्राद्ध पक्ष में पितर घर में विराजकर आज विदा हो जाते हैं। अगर किसी भी कारण से आप एनी तिथि पर पूर्वजों का श्राद्ध नहीं कर पाए हैं तो आज सभी जाने और अनजाने पितरों हेतु श्राद्ध किया जाता हैं। माना जाता हैं की आज के दिन सभी पितर घर के द्वार पर पहुंचते हैं। आज इस कड़ी में हम आ[पको बताने जा रहे हैं कि सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध में क्या-क्या करना चाहिए ताकि सभी पितरों का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकें।

astrology tips,astrology tips in hindi,sarvapritri amavasya,shraddha 2020,shraddha rules ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, श्राद्ध 2020, श्राद्ध स्पेशल, सर्वपितृ अमावस्या उपाय

पिंडदान

पितृ पक्ष में पिंडदान का भी महत्व है। सामान्य विधि के अनुसार पिंडदान में चावल, गाय का दूध, घी, गुड़ और शहद को मिलाकर पिंड बनाए जाते हैं और उन्हें पितरों को अर्पित किया जाता है।

तर्पण

पिंडदान के साथ ही जल में काले तिल, जौ, कुशा, सफेद फूल मिलाकर तर्पण किया जाता है। पिंड बनाने के बाद हाथ में कुशा, जौ, काला तिल, अक्षत् व जल लेकर संकल्प करें। इसके बाद इस मंत्र को पढ़े। “ॐ अद्य श्रुतिस्मृतिपुराणोक्त सर्व सांसारिक सुख-समृद्धि प्राप्ति च वंश-वृद्धि हेतव देवऋषिमनुष्यपितृतर्पणम च अहं करिष्ये।।'

ब्राह्मण भोज

पिंडदान और तपर्ण करने के बाद ब्राह्मण भोज कराया जाता है। ब्राह्मण नहीं हो तो अपने ही रिश्तों के निर्वसनी और शाकाहार लोगों को भोजन कराएं।

astrology tips,astrology tips in hindi,sarvapritri amavasya,shraddha 2020,shraddha rules ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, श्राद्ध 2020, श्राद्ध स्पेशल, सर्वपितृ अमावस्या उपाय

इसी के साथ ये काम भी करें

- शास्त्रों में मृत्यु के बाद और्ध्वदैहिक संस्कार, पिण्डदान, तर्पण, श्राद्ध, एकादशाह, सपिण्डीकरण, अशौचादि निर्णय, कर्म विपाक आदि के द्वारा पापों के विधान का प्रायश्चित कहा गया है।

- इस श्राद्ध में गोबलि, श्वानबलि, काकबलि और देवादिबलि कर्म करें। अर्थात इन सभी के लिए विशेष मंत्र बोलते हुए भोजन सामग्री निकालकर उन्हें ग्रहण कराई जाती है। अंत में चींटियों के लिए भोजन सामग्री पत्ते पर निकालने के बाद ही भोजन के लिए थाली अथवा पत्ते पर ब्राह्मण हेतु भोजन परोसा जाता है। इस दिन सभी को अच्छे से पेटभर भोजन खिलाकर दक्षिणा दी जाती है।

- सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गीता के सातवें अध्याय का पाठ करने का विधान भी है। सर्वपितृ अमावस्या पर पीपल की सेवा और पूजा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। स्टील के लोटे में, दूध, पानी, काले तिल, शहद और जौ मिला लें और पीपल की जड़ में अर्पित कर दें।

सर्वपितृ अमावस्या के 5 शुभ मंत्र

1. ॐ कुलदेवतायै नम:- 21 बार
2. ॐ कुलदैव्यै नम:- 21 बार
3. ॐ नागदेवतायै नम:- 21 बार
4. ॐ पितृ देवतायै नम:- 108 बार
5. ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्:- 1 लाख बार।

ये भी पढ़े :

# श्राद्ध का भोजन करने वाले ब्राह्मण भी करें इन नियमों का पालन

# आखिर किन वजहों से होता है पितृ दोष, जानें इसका प्रभाव और निवारण उपाय

# सर्वपितृ अमावस्या पर इन सभी को जरूर अर्पित करें भोजन, मिलेगी पितरों को संतृप्ति

# पितरों को नाराज कर सकते हैं सर्वपितृ अमावस्या पर किए गए ये 10 काम, जानें और संभलें

# सर्वपितृ अमावस्या पर गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ दिलाएगा सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य, जानें इसकी पूर्ण विधि

# श्राद्ध पक्ष में हैं इंदिरा एकादशी का बड़ा महत्व, जानें पूजन विधि और नियम

# सर्वपितृ अमावस्या पर आजमाए ये 7 उपाय, होगी पितरों की तृप्ति

# पितरों का आशीष दिलाएंगे सर्वपितृ अमावस्या पर किए गए ये धार्मिक पाठ

# श्राद्ध में ब्राहमणों को भी करवाया जाता हैं भोज, इन आवश्यक निर्देशों का करें पालन

# पितरों के अलावा पितृपक्ष में करें इनका पूजन और कराएं भोजन, मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com