Rakhi 2018 : राखी त्योंहार से जुड़ी कुछ अनजानी कहानियाँ
By: Ankur Sat, 25 Aug 2018 12:32:30
रक्षाबंधन अर्थात राखी Rakhi 2018 का त्योहार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि अर्थात सावन के अंतिम दिन को मनाया जाता है। इस बार यह दिन 26 अगस्त, रविवार को है। इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र के रूप में राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहनों की रक्षा करता हैं। राखी का यह त्योंहार सतयुग से चला आ रहा हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी कहानियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो जिन्हें कम ही लोग जानते हैं। तो आइये जानते हैं इन कहानियों को।
* साड़ी का पल्लू बना राखी
रक्षाबंधन मनाने के पीछे जितने भी कारण हैं उनमें कृष्ण-द्रौपदी की कहानी सबसे रोचक है। कथा है कि जब युधिष्ठिर इंद्रप्रस्थ में राज्याभिषेक होना था उस समय सभा में शिशुपाल भी मौजूद था। शिशुपाल ने भगवान श्रीकृष्ण का अपमान किया तो श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का सिर काट दिया। इसमे श्रीकृष्ण की उंगली कट गई और रक्त बहने लगा। द्रौपदी ने झट से साड़ी का पल्लू फाड़कर श्रीकृष्ण की उंगली पर लपेट दिया। इसी समय श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को वचन दिया था कि वह एक-एक धागे का ऋण चुकाएंगे। यह घटना जिस दिन हुई थी उस दिन सावन महीने की पूर्णिमा तिथि थी। कुरु सभा में वस्त्रहरण के समय श्रीकृष्ण ने अपने वचन को पूरा और द्रौपदी की लाज बचाई। इसलिए सावन पूर्णिमा के दिन रक्षासूत्र बांधने की परंपरा शुरू हुई।
* राखी बंधवाने वाले को यमराज का वरदान
दूसरा प्रसंग यह भी है कि मृत्यु के देवता यमराज को एक बार यमुना ने राखी भेजी। राखी बंधवाने के बाद यमराज ने यमुना को अमरता का वरदान दे दिया। प्राणों को हरने वाले ने अमरता का वरदान दिया, यह एक आश्चर्यजनक बात थी। तब से ही यह कहा गया कि जो भाई रक्षाबंधन के दिन अपनी बहन से राखी बंधवाएंगे, यमराज उनके प्राणों की रक्षा करेंगे।
* राखी से जुड़ी है सिकंदर की कहानी
राखी से जुड़ा एक किस्सा यह भी है कि सिकंदर की पत्नी ने अपने पति के शत्रु पोरस को राखी बंधकर अपना मुंहबोला भाई बनाया और यह वादा लिया कि वह युद्ध में उसके पति सिकंदर की जान बख्श दे। पोरस ने भी युद्ध के दौरान राखी के धागों की लाज रखी और सिकंदर को जीवनदान दिया।
* महाभारत युद्ध जीतने में राखी का योगदान
माना जाता है कि महाभारत के युद्ध के दौरान युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से पूछा कि मैं कैसे सभी संकटों से पार पा सकता हूं। कृष्ण ने उन्हें तथा उनकी सेना को रक्षा धागा बंधने को कहा। तब से इस दिन पवित्र रक्षासूत्र बांधा जाता है। यह घटना भी सावन पूर्णिमा के दिन ही हुआ माना जाता है।
* राखी की ये कहानी आपको पता है क्या
प्रसंग यह भी है कि मेवाड़ की रानी कर्णावती को यह पता चला कि उनके राज्य पर आक्रमण होने वाला है। उन्होंने मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेजी और याचना की कि वह उनके राज्य की रक्षा करें। मुगल सम्राट होने पर भी हुमायूं ने कर्णावती की भावनाओं का सम्मान किया और मेवाड़ पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने कर्णावती की तरफ से बहादुरशाह के खिलाफ लड़ाई लड़ी।