दर्पण से जुड़े कुछ खास Vastu उपाय, जो ला सकतें है आपके जीवन में खुशियाँ
By: Ankur Mon, 27 Nov 2017 2:25:50
आईना व्यक्ति के जीवन का एक अहम हिस्सा है। लोग आईने में खुद को निहारते हैं और खुद को संवारते हैं। आईने का वास्तु की दृष्टि में भी महत्व है। वास्तु वैज्ञानिक वास्तुदोष दूर करने के लिए आईने का प्रयोग करते आए हैं। आईने से जहां वास्तुदोष दूर किया जा सकता है वैसे ही इसके गलत प्रयोग से वास्तु दोष भी पैदा होता है। भारतीय वास्तु शास्त्र के अनुसार दर्पण घर में सकारात्मक उर्जा को बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। दर्पण के कुछ ऐसे भी फायदे हैं जिनसे आप अपने घर में धन, प्रसन्नत्ता तथा खुशियो को कई गुणा बढा सकते हो। दर्पण के द्वारा आप घर में फैली नकारात्मक उर्जा को दूर कर सकते हो एवं बिना तोड फोड किये वास्तु दोषो को भी दूर कर सकते हो। आइये जानते हैं किस तरह आइना वास्तु में अपना महत्व रखता हैं।
* आइने को खरीदते करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसमें चेहरा साफ, स्पष्ट और वास्तविक दिखाई दे। धुंधला और विकृत चेहरा दिखाने वाले आइना बुरा प्रभाव डालता है। इससे रोगों में भी वृद्धि होती है।
* आवासीय भवन अथवा व्यावसायिक भवन में ईशान (उत्तर-पूर्व) क्षेत्र ,उत्तर या पूर्व दीवाr में दर्पण लगाना चाहिए इसके लगाने से आय में वृद्धि होने लगती है। और व्यवसायिक सम्बन्धी बाधाए दूर होती है।
* दर्पण जितना बड़ा और हल्का हो , वास्तु के हिसाब से उतना ही अच्छा माना जाता है। हालांकि संख्या को लेकर कोई कठोर नियम नहीं है , और घर में जरूरत के मुताबिक ही आईनों का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक से ज्यादा शीशों को मिला कर एक बड़े शीशे की तरह इस्तेमाल किया जाए। क्योंकि ऐसा करने पर शरीर खंडित दिखाई देगा , जो वास्तु के हिसाब से सही नहीं है।
* आपके घर या कमरे के लॉकर के सामने अगर आपने शीशा लगाया हुआ है, तो यह आपकी आय और संपत्ति में वृद्धि करता है। आइने के भीतर उस लॉकर की छाया सकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर खींचती है और व्यवसायिक दृष्टिकोण से यह उपयोगी सिद्ध होता है।
* यदि आपके बेडरूम में बेड के ठीक सामने कोई आईना हो तो उसे फौरन हटाएं, क्योंकि यह आपके शादीशुदा लाइफ में बाधाएं खड़ी कर सकता है।
* वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि आईने के ढक कर रखना चाहिए। बेहतर है कि आईने को अपनी अलमारियों के अंदर फिट कराएं या फिर ऐसा ड्रेसिंग टेबल हो जिसका आईना उसे खोलने के बाद नज़र आता हो। आईना घर की दीवारों पर न तो ज्यादा ऊपर और न ही ज्यादा नीचे लगाएं, वर्ना घर के लोगों को शारिरीक तकलीफ से गुजरना पड़ सकता है।