पितृ पक्ष में इन कामों को करना बताया गया है वर्जित, इनसे दूरी बनाने में ही भलाई

By: Ankur Sat, 29 Sept 2018 1:54:41

पितृ पक्ष में इन कामों को करना बताया गया है वर्जित, इनसे दूरी बनाने में ही भलाई

पितृ पक्ष अर्थात श्राद्ध पक्ष एक ऐसा समय होता हैं जब हमारे पूर्वज या पितृ जिनकी मृत्यु हो चुकी हैं, वे पृथ्वी पर अपने परिवार के पास आते हैं और उनके बीच में रहते हैं। उनके सम्मान और उनके प्रति श्रद्धा को व्यक्त करने के लिए ही इन दिनों में श्राद्ध किया जाता हैं। इन दिनों में कोई भी शुभ काम करना अच्छ नहीं माना जाता हैं। ऐसे कई काम होते हैं जो पितृ पक्ष में वर्जित बताए गए हैं। तो आइये जानते हैं उन कामों के बारे में जो श्राद्ध पक्ष में नहीं किये जाने चाहिए।

* ऐसी मान्यता है की पितृपक्ष के दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए यानी स्त्री पुरुष संसर्ग से बचना चाहिए। इसके पीछे यह धारणा है की पितृ आपके घर में होते हैं और यह उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करने का समय होता है इसलिए इन दिनों संयम का पालन करना चाहिए।

* पितृपक्ष में स्वर्ण और नए वस्त्रों की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। ऐसा इसलिए माना जाता है क्योंकि पितृपक्ष उत्सव का नहीं बल्कि एक तरह से शोक व्यक्त करने का समय होता है उनके प्रति जो अब हमारे बीच नहीं रहे।

* इन दिनों दाढ़ी मूंछें भी नहीं काटे जाते हैं। इसका संबंध भी शोक व्यक्त करने से है।

* पितृपक्ष में द्वार पर आए अतिथि और याचक को बिना भोजन पानी दिए जाने नहीं देना चाहिए। माना जाता है कि पितर किसी भी रुप में श्राद्ध मांगने आ सकते हैं। इसलिए किसी का अनादर नहीं करना चाहिए।

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* माना जाता है कि पितृपक्ष में नया घर नहीं लेना चाहिए। असल में घर लेने में कोई बुराई नहीं है असल कारण है स्थान परिवर्तन। माना जाता है कि जहां पितरों की मृत्यु हुई होती है वह अपने उसी स्थान पर लौटते हैं। अगर उनके परिजन उस स्थान पर नहीं मिलते हैं तो उन्हें तकलीफ होती है। अगर आप पितरों के लिए श्राद्ध तर्पण कर रहे हैं तो उन्हें आपके घर खरीदने से कोई परेशानी नहीं होती है।

* पितृपक्ष को लेकर ऐसी मान्यता है कि इन दिनों नए वाहन नहीं खरीदने चाहिए। असल में वाहन खरीदने में कोई बुराई नहीं है। शास्त्रों में इस बात की कहीं मनाही नहीं है। बात बस इतनी है कि इसे भौतिक सुख से जोड़कर जाना जाता है। जब आप शोक में होते हैं तो या किसी के प्रति दुख प्रकट करते है तो जश्न नहीं मनाते हैं। इसलिए धारणा है कि इन दिनों वाहन नहीं खरीदना चाहिए

* पितृपक्ष में बिना पितरों को भोजन दिया स्वयं भोजन नहीं करना चाहिए इसका मतलब यह है कि जो भी भोजन बने उसमें एक हिस्सा गाय, कुत्ता, बिल्ली, कौआ को खिला देना चाहिए।

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