Ganesh Chaturthi 2018 : गणपति जी की यह कथा पढ़ी जाती है हर त्योहार पर, आइये आप भी जानें

By: Ankur Tue, 18 Sept 2018 2:21:18

Ganesh Chaturthi 2018 :  गणपति जी की यह कथा पढ़ी जाती है हर त्योहार पर, आइये आप भी जानें

हमारे देश में कई त्योहार मनाए जाते हैं। खासकर हिन्दू धर्म में महिलाओं से जुड़े कई त्योहार आते हैं, जिसमें पूजन और व्रत का बड़ा महत्व होता हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि सभी पूजन में गणपति जी की कथा जरूर पढ़ी जाती हैं। जी हाँ, शायद की ऐसा कोई व्रत होगा जिसमें गणपति जी की कथा नहीं पढ़ी जाती हैं। लेकिन वह कथा कौनसी है, क्या आप उसके बारे में जानते हैं। नहीं, तो आइये आज हम बताते हैं आपको उस कथा के बारे में।

एक बुढ़िया थी। वह बहुत ही ग़रीब और अंधी थीं। उसके एक बेटा और बहू थे। वह बुढ़िया सदैव गणेश जी की पूजा किया करती थी। एक दिन गणेश जी प्रकट होकर उस बुढ़िया से बोले-

'बुढ़िया मां! तू जो चाहे सो मांग ले।' बुढ़िया बोली- 'मुझसे तो मांगना नहीं आता। कैसे और क्या मांगू?'

तब गणेशजी बोले - 'अपने बहू-बेटे से पूछकर मांग ले।'

तब बुढ़िया ने अपने बेटे से कहा- 'गणेशजी कहते हैं 'तू कुछ मांग ले' बता मैं क्या मांगू?'

पुत्र ने कहा- 'मां! तू धन मांग ले।'

बहू से पूछा तो बहू ने कहा- 'नाती मांग ले।'

तब बुढ़िया ने सोचा कि ये तो अपने-अपने मतलब की बात कह रहे हैं। अत: उस बुढ़िया ने पड़ोसिनों से पूछा, तो उन्होंने कहा- 'बुढ़िया! तू तो थोड़े दिन जीएगी, क्यों तू धन मांगे और क्यों नाती मांगे। तू तो अपनी आंखों की रोशनी मांग ले, जिससे तेरी ज़िन्दगी आराम से कट जाए।'

इस पर बुढ़िया बोली- 'यदि आप प्रसन्न हैं, तो मुझे नौ करोड़ की माया दें, निरोगी काया दें, अमर सुहाग दें, आंखों की रोशनी दें, नाती दें, पोता, दें और सब परिवार को सुख दें और अंत में मोक्ष दें।'

यह सुनकर तब गणेशजी बोले- 'बुढ़िया मां! तुने तो हमें ठग दिया। फिर भी जो तूने मांगा है वचन के अनुसार सब तुझे मिलेगा।' और यह कहकर गणेशजी अंतर्धान हो गए। उधर बुढ़िया माँ ने जो कुछ मांगा वह सबकुछ मिल गया। हे गणेशजी महाराज! जैसे तुमने उस बुढ़िया माँ को सबकुछ दिया, वैसे ही सबको देना।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com