Ganesh Chaturthi 2018 : विघ्नराज रूप में अवतरित होकर बचाया सभी देवताओं को, जानें पूरी कहानी
By: Ankur Sat, 22 Sept 2018 12:27:43
गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर गणपति स्थापना के साथ शुरू हुआ गणेशोत्सव 23 सितम्बर को अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन के साथ समाप्त होने जा रहा हैं। इसकी धूम पूरे देश में देखी जा सकती है। गणेशोत्सव के इन 10 दिनों में गणपति जी के कई रूपों की पूजा की जाती हैं। आज इस ख़ास मौके पर हम आपको गणपति जी के विघ्नराज रूप से जुडी कथा के बारे में बताने जा रहे हैं कि किस तरह गणपति जी ने अवतरित होकर सभी देवताओं को ममासुर के अत्याचार से बचाया। तो आइये जानते हैं विघ्नराज अवतार से जुडी पौराणिक कथा के बारे में।
एक बार पार्वती अपनी सखियों के साथ बातचीत के दौरान जोर से हंस पड़ीं। उनकी हंसी से एक विशाल पुरुष की उत्पत्ति हुई। पार्वती ने उसका नाम मम (ममता) रख दिया। वह माता पार्वती से मिलने के बाद वन में तप के लिए चला गया। वहीं उसकी मुलाकात शम्बरासुर से हुई। शम्बरासुर ने उसे कई आसुरी शक्तियां सीखा दीं। उसने मम को गणेश की उपासना करने को कहा। मम ने गणपति को प्रसन्न कर ब्रह्मांड का राज मांग लिया।
शम्बर ने उसका विवाह अपनी पुत्री मोहिनी के साथ कर दिया। शुक्राचार्य ने मम के तप के बारे में सुना तो उसे दैत्यराज के पद पर विभूषित कर दिया। ममासुर ने भी अत्याचार शुरू कर दिए और सारे देवताओं के बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया। तब देवताओं ने गणेश की उपासना की। गणेश विघ्नराज के रूप में अवतरित हुए। उन्होंने ममासुर का मान मर्दन कर देवताओं को छुड़वाया।