अनोखी परंपरा - यहां आत्मा की शांति के लिए पिंडदान नहीं बल्कि शिवलिंग दान करते है

By: Priyanka Maheshwari Tue, 13 Feb 2018 1:32:15

अनोखी परंपरा - यहां आत्मा की शांति के लिए पिंडदान नहीं बल्कि शिवलिंग दान करते है

दुनिया भर में भगवान शिव की पूजा होती हैं। भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता हैं। सावन के महीने में हर शिव भक्त शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा करता हैं। भगवान शिव का एक मंदिर ऐसा है जहां पर एक नहीं अनगिनत शिव लिंग हैं।

varanasi,jangamwadi math,shiv temple ,शिवरात्रि,महाशिवरात्रि 2018

वाराणसी में एक जंगमवाड़ी मठ है जिसको वाराणसी के मठों में सबसे पुराना माना जाता हैं। यह मठ लगभग 50000 स्वाकयर में फैला हुआ हैं। प्राचीन काल से यहां एक विचित्र परम्परा चली आ रही हें। यहां पर मृतक की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान नहीं करके शिवलिंग का दान किया जाता हैं।

varanasi,jangamwadi math,shiv temple ,शिवरात्रि,महाशिवरात्रि 2018

इस मठ में एक दो नहीं बल्कि कई लाख शिवलिंग एक साथ विराजते हैं। स्थानीय निवासियों की मान्यता है कि मृतक व्यक्ति की आत्मा की शांति या मोक्ष दिलाने के लिए शिवलिंग की स्थापना की जाती हैं। इस परम्परा के चलते यहां अनगिनत शिवलिंग स्थापित हो चुके हैं।

varanasi,jangamwadi math,shiv temple ,शिवरात्रि,महाशिवरात्रि 2018

जब कोई शिवलिंग खण्डित हो जाता हैं तो उसको मठ के अंदर सुरक्षित स्थान पर रख दिया जाता हैं। खासतौर से ये मठ दक्षिण भारतीयों का हैं। इन लोगों की मान्यता है कि वीरशैव संप्रदाय के लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिण्ड दान की जगह शिवलिंग दान किया जाता हैं।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com