आज है कुशग्रहणी अमावस्या, इस तरह प्राप्त होगा पितरों का आशीर्वाद
By: Ankur Fri, 30 Aug 2019 06:08:55
आज भाद्रपद माह की अमावस्या हैं जिसे कुशग्रहणी अमावस्या या कुशोत्पाटिनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता हैं। हिन्दू धर्म में इस अमावस्या का बड़ा महत्व माना जाता हैं क्योंकि इस दिन की गई पूजा से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं। इसके नाम कुशोत्पाटिनी अर्थात कुशा को उखाड़ना, से पता चलता हैं कि इस दिन कुशा अर्थात घास का बड़ा महत्व माना जाता हैं। देखा जाता हैं कि सभी पूजा-पाठ में भी घास का इस्तेमाल किया जाता हैं। आज हम आपको कुशग्रहणी अमावस्या के महत्व और पूजा विधि से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते है इसके बारे में।
कुशग्रहणी अमावस्या का महत्व
इस दिन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अपने हाथों में कुशा लेकर पितरों की पूजा और श्राद्ध एवं तर्पण करना चाहिये। ऐसा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है और पितर को संतुष्टि और मुक्ति मिलती है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान और पितरों की पूजा और श्राद्ध आदि करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
इस बात का रखें ध्यान
कुशोत्पाटिनी अमावस्या के दिन कुशा को किस प्रकार से निकाले इसके लिये कुछ नियम का पालन करना होगा। शास्त्रों में दस प्रकार की कुशा का वर्णन दिया गया है। मान्यता है कि घास के दस प्रकारों में जो भी घास सुगमता से एकत्रित की जा सकती हो इस दिन उसे काम में ले लेनी चाहिए।