गुरुनानक जयंती: गुरूजी ने अपने चमत्कार से तोडा था कुएं के मालिक का घमंड

By: Ankur Thu, 07 Nov 2019 07:48:23

गुरुनानक जयंती: गुरूजी ने अपने चमत्कार से तोडा था कुएं के मालिक का घमंड

सिख धर्म के संस्‍थापक और पहले गुरु थे गुरु नानक देव जी जिनकी इस साल 12 नवंबर को 550वीं जयंती मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा का यह दिन प्रकाश पर्व (Prakash Parv) के रूप में जाना जाता हैं। गुरुनानक देव को सौम्‍यता के लिए जाना जाता हैं जो किसी का भी मन मोह लेती थी। इनके चमत्कारों ने कई लोगों का जीवन बदला हैं। आज हम भी आपको गुरुनानक देव की ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं जिसमें उन्होनें अपने चमत्कार से एक कुएं के मालिक का घमंड तोडा था और जिन्दगी की एक बड़ी सीख दी थी। तो आइये जानते हैं इस कहानी के बारे में।

गुरु नानक देव अपने शिष्यों के साथ यात्रा किया करते थे। एक बार वह एक गांव से गुजर रहे थे। उन्‍हें प्‍यास लगी। उन्‍हें पहाड़ी पर एक कुआं दिखाई दिया। गुरु नानक ने शिष्य को पानी लेने के लिए भेजा। लेकिन कुएं का मालिक लालची और धनी था। वो पानी के बदले पैसे लिया करता था। शिष्य उस आदमी के पास तीन बार पानी मांगने गया और तीनों बार उसने इनकार कर दिया। तब गुरु जी ने कहा कि ईश्वर हमारी मदद जरूर करेगा।’

बताया जाता है कि इसके बाद नानक जी जहां खड़े थे, वहीं मिट्टी खोदना शुरू कर दिया। थोड़ा ही खोदा था कि वहां से अचानक साफ पानी निकलने लगा। गांव वाले भी यह देखकर हैरान रह गए। कुएं के मालिक को यह देखकर बहुत गुस्‍सा आ गया। उसने कुएं की तरफ देखा तो हैरान रह गया। कुएं का पानी कम होता जा रहा था, जबकि नानक जी द्वारा किए गए गड्ढ़े से पानी की धारा बह रही थी। गांव वाले भी वहां पहुंचकर पानी लेने लगे। कुएं के मालिक ने गुरु जी को जोर से पत्थर फेंका, लेकिन गुरु जी ने हाथ आगे किया तो पत्थर हाथ से टकराकर वहीं रुक गया। यह देख कुएं का मालिक नानक जी के चरणों पर आ गिरा। तब गुरु जी ने उसे समझाया, ‘किस बात का घमंड? तुम्हारा कुछ नहीं है। कुछ करके जाओगे तो लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहोगे।’

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