आज है गोपाष्टमी पर्व, इस तरह करें गौ माता का पूजन और पाए लाभ

By: Ankur Mon, 04 Nov 2019 09:03:02

आज है गोपाष्टमी पर्व, इस तरह करें गौ माता का पूजन और पाए लाभ

हर साल दिवाली के पावन पर्व के बाद कार्तिक शुक्ल अष्टमी को गोपाष्टमी पर्व मनाया जाता हैं। यह पर्व गौ माता को समर्पित होता हैं। पुराणों के अनुसार आज ही के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गौ चारण लीला शुरू की थी अर्थात कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन मां यशोदा ने भगवान कृष्ण को गौ चराने के लिए जंगल भेजा था। इसलिए आज के दिन गौ माता के साथ ग्वाल और भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने का भी महत्व है। तो आइये जानते हैं कैसे किया जाए गौ माता का पूजन और पाए लाभ।

astrology tips,astrology tips in hindi,gopashtami,gopashtami 2019,cow worship,benefit on gopashtami festival ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, गोपाष्टमी, गोपाष्टमी 2019, गौ पूजन, गोपाष्टमी पर्व के लाभ

- गोपाष्टमी यानी कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन प्रात:काल में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नानादि करके स्वच्छ धुले हुए वस्त्र धारण करें।

- तत्पश्चात प्रात:काल में ही गायों को भी स्नान आदि कराकर गौ माता के अंग में मेहंदी, हल्दी, रंग के छापे आदि लगाकर सजाएं।

- इस दिन गायों को खूब सजाया-संवारा जाता है।

- इस दिन बछड़े सहित गाय की पूजा करने का विधान है।

- प्रात:काल में ही धूप-दीप, अक्षत, रोली, गुड़ आदि वस्त्र तथा जल से गाय का पूजन किया जाता है और धूप-दीप से आरती उतारी जाती है।

- इस दिन ग्वालों को उपहार आदि देकर उनका भी पूजन करने का महत्व है।

- इस दिन सभी परिवार के लोग गौ यानी गाय की विधि विधान से पूजा करते हैं।

- इसके बाद गाय को चारा आदि डालकर उनकी परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा करने के बाद कुछ दूर तक गायों के साथ चलते हैं।

- संध्याकाल में गायों के जंगल से वापस लौटने पर उनके चरणों को धोकर तिलक लगाने का महत्व है।

- इस संबंध में ऐसी आस्था भी है कि गोपाष्टमी के दिन गाय के नीचे से निकलने वालों को बड़ा पुण्य मिलता है।

- गोपाष्टमी के शुभ अवसर पर गौशाला में गो संवर्धन हेतु गौ पूजन का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com