Ganesh Chaturthi 2018 : अपने घर-आँगन में गणपति का स्वागत करें इस तरह, बनी रहेगी गणेशजी की कृपा-दृष्टि

By: Ankur Tue, 11 Sept 2018 11:51:04

Ganesh Chaturthi 2018 : अपने घर-आँगन में गणपति का स्वागत करें इस तरह, बनी रहेगी गणेशजी की कृपा-दृष्टि

गणेश चतुर्थी Ganesh Chaturthi 2018 का पर्व आ चुका हैं और यह पर्व गणपति जी के स्वागत के लिए जाना जाता हैं। इस दिन सभी भक्त अपने घरों में गणपति जी की प्रतिमा की स्थापना करते हैं और उनका स्वागत बड़े हर्षोल्लास के साथ करते हैं। सभी भक्त चाहते हैं कि गणेशजी की कृपा-दृष्टि उनपर बनी रहे, बस इसके लिए आपको गणपति जी का स्वागत अच्छे से करने की जरूरत होती हैं। इसलिए आज हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप गणपति जी का स्वागत कर सकते हैं और उनकी कृपा-दृष्टि पा सकते हैं।

* कुमकुम से एकदम सही व्यवस्थित स्वास्तिक बनाएं। चार हल्दी की बिंदी लगाएं। एक मुट्ठी अक्षत रखें। इस पर छोटा बाजोट, चौकी या पटा रखें। लाल, केसरिया या पीले वस्त्र को उस पर बिछाएं। स्थान को रोशनी से सुसज्जित करें। चारों तरफ रंगोली, फूल, आम के पत्ते और अन्य सजावटी सामग्री से स्थान को सुंदर और आकर्षक बनाएं।

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* आसपास इतना स्थान अवश्य रखें कि आरती की पुस्तक, दीप, धूप, अगरबत्ती, प्रसाद रख सकें। सपरिवार आरती में शामिल होना जरूरी है अत: किसी ऐसे कमरे में गणेश स्थापना करें जहां सब पर्याप्त दूरी के साथ खड़े हो सके। एक तांबे का सुस्वच्छ कलश शुद्ध पानी भर कर, आम के पत्ते और नारियल के साथ सजाएं। यह समस्त तैयारी गणेश उत्सव के आरंभ होने के पहले कर लें।

* जब गजानन को लेने जाएं तो स्वयं नवीन वस्त्र धारण करें। पुरुष सिर पर टोपी, साफा या रूमाल रखें। स्त्रियां सुंदर रंगबिरंगे वस्त्र के साथ समस्त आभूषण पहनें। सुगंधित गजरा लगाएं। अगर उपलब्ध हो तो चांदी की थाली साथ में लेकर जाएं ना हो तो पीतल या तांबे की भी चलेगी। सबसे आसान है लकड़ी का वस्त्र से सुसज्जित पाटा। साथ में सुमधुर स्वर की घंटी, खड़ताल, झांझ-मंजीरे लेकर जा सके तो अति उत्तम।

* घर की मालकिन गणेश को लाकर द्वार पर रोकें। स्वयं अंदर आकर पूजा की थाली से उनकी आरती उतारें। उनके लिए सुंदर और शुभ मंत्र बोलें। आदर सहित् गजानन को घर के भीतर उनके लिए तैयार स्थान पर जय-जयकार के साथ शुभ मुहूर्त में स्थापित करें। सभी परिजन मिलकर कर्पूर आरती करें। पूरी थाली का भोजन परोस कर भोग लगाएं। लड्डू यो मोदक अवश्य बनाएं। पंच मेवा भी रखें। प्रतिदिन प्रसाद के साथ पंच मेवा जरूर रखें।

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