महिलाओं को भूलकर भी नहीं करने चाहिए जीवन में ये काम
By: Kratika Wed, 24 Jan 2018 4:25:59
शास्त्रों में व्यक्ति से जुड़े कई काम और उनको करने का शुभ समय बताया गया है ताकि वो काम भलीभाती पूर्ण हों। उसी तरह शास्त्र में कुछ काम ऐसे भी बताये गए हैं जो महिलाओं के लिए निषेध हैं। ये परम्पराएं कई समय से चली आ रही हैं और आज भी इन परम्परोब का उसी तरह से पालन होता आ रहा हैं। तो आइये जानते हैं उन कामों के बारे में जो शास्त्रों के अनुसार महिलाओं को नहीं करने चाहिए।
* सेंट या इत्र लगाकर न सोएं : कुछ महिलाऐं रात को सोते समय इत्र या सेंट लगाकर सोते हैं। शास्त्रों के अनुसार किसी भी तरह की तेज खुशबू परालौकिक शक्तियों को आकर्षित करती हैं। इसीलिए रात को सोने से पहले हाथ-पांव तथा चेहरा धोकर ईश्वर का ध्यान करना चाहिए। इससे रात को बुरे स्वप्न भी नहीं आते और नकारात्मक शक्तियां भी दूर रहती हैं।
* नारियल फोड़ना : आपने देखा होगा की मंदिरों में पुरुष नारियल फोड़ते हैं कभी भी महिला नारियल नहीं फोड़ती क्योंकि शास्त्रों में कहा गया है कि महिलाएं नारियल नहीं फोड़ सकती। शास्त्रों के अनुसार महिलाओं को मंदिरों या किसी भी शुभ कार्य में नारियल फोड़ने नहीं दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि महिलाओं के ऐसी करने से कुछ अशुभ हो सकता है।
* खुले बाल नहीं सोना चाहिए : रात में लड़कियों को बालों को खुला रखकर नहीं सोना चाहिए। माना जाता है कि रात में खुले बाल सोने पर नकारात्मक शक्तियां आकर्षित होती हैं। इसीलिए रात को न केवल महिलाएं वरन चोटी रखने वाले पुरुष भी अपनी चोटी को बांध लेते हैं।
* जनेऊ पहनना : भारतीय संस्कृति में केवल पुरुष ही जनेऊ धारण करते हैं। हिन्दू धर्म में ये एक परंपरा होती है। शास्त्रों में महिलाओं को जनेऊ धारण करने की मनाही है। इसके अलावा साबुत कद्दू या सीताफल को भी महिलाए तब तक नहीं काट सकती जब तक पुरुष उसे पहली बार काट न दे।
* देर तक सोना : शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि महिलाओं का असमय और देर तक सोना परिवार में क्लेश लाता है। ऐसी महिलाएं परिवार की जिम्मेदारी नहीं ले पाती है। जिसके कारण परिवार के लोगों के मन में उसके प्रति असंतोष बढ़ने लगता है। अगर आप विवाहित है, तो आपके दापत्यं जीवन में भी बहुत अधिक असर पड़ता है। इसलिए असमय और देर तक नहीं सोना चाहिए।
* बजरंग बली को स्पर्श करना : हिन्दू धर्म के अनुसार हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे और वो हर महिला को अपनी माँ मानते थे। इसलिए शास्त्रों में महिलाओं को हनुमान जी का स्पर्श करना माना है।
* शिवलिंग की पूजा : धार्मिक रीति-रिवाजों कुंवारी कन्याओं को शिवलिंग की पूजा नहीं करनी चाहिए। धार्मिक रिवाजों के अनुसार महिलाओं के हाथ लगाने से शिवजी की समाधि भंग हो सकती है। जिसके कारण उन्हें इनकी पूजा करने नहीं दी जाती।
* बलि देना : देवताओं को दी जाने वाली बलि का काम भी सिर्फ पुरूष ही कर सकते है। शास्त्रों में महिलाओं को इस काम की भी मनाही है।