इंफाल से कांगपोकपी शिफ्ट किए गए अंतिम 10 कुकी परिवार, आरोप जबरन निकाला गया

By: Rajesh Bhagtani Sun, 03 Sept 2023 10:34:52

इंफाल से कांगपोकपी शिफ्ट किए गए अंतिम 10 कुकी परिवार, आरोप जबरन निकाला गया

इंफाल। मणिपुर में 3 मई से जारी हिंसा के 4 महीने पूरे हो चुके हैं। इस बीच खबर है कि इंफाल घाटी में रह रहे अंतिम 10 कुकी परिवार भी चले गए हैं। इनका आरोप है कि उन्हें जबरन निकाला गया। सरकार की तरफ से इन कुकी परिवारों को 2 सितंबर को कांगपोकपी जिले में शिफ्ट किया गया।

वहीं, एक अफसर का कहना है कि कांगपोकपी जिला कुकी समुदाय बहुल है, ऐसे में वे सुरक्षित रहेंगे। इन परिवारों को कांगपोकपी के मोटबंग ले जाया गया है।

हिंसा से निपटेंगे सीनियर सुपरिन्टेंडेंट

इस बीच 24 अगस्त को मणिपुर सरकार ने आर्मी से रिटायर्ड कर्नल नेक्टर संजेनबम को राज्य का सीनियर सुपरिन्टेंडेंट (कॉम्बैट) नियुक्त किया है। मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई से जारी हिंसा में अब तक 170 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

NDTV की खबर के मुताबिक, संजेनबम अगले पांच साल तक इस पद पर रहेंगे। उन्होंने 2015 के म्यांमार सर्जिकल स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जब भारतीय जवानों ने म्यांमार में घुसकर आतंकियों को मार गिराया था।

संजेनबम कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित

नेक्टर संजेनबम इंडियन आर्मी के 21 पैरा (स्पेशल फोर्सेज) में काम कर चुके हैं। उन्हें कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया जा चुका है, जो शांतिकाल का दूसरा और तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है।

मणिपुर के जॉइंट सेक्रेटरी (गृह) ने 28 अगस्त को जारी एक आदेश में बताया कि 12 जून के कैबिनेट फैसले के बाद यह नियुक्ति की गई है।

29 अगस्त को फिर हिंसा भड़की, पांच दिन में 12 की मौत

मणिपुर के चुराचांदपुर और बिष्णुपुर जिलों के बॉर्डर पर बफर जोन में अब भी हिंसा जारी है। यह 29 अगस्त को दोबारा भड़की थी। 2 अगस्त तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 18 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। दोनों जिलों में आर्मी को तैनात किया गया है। अभी यहां के बफर जोन में CRPF और असम राइफल्स तैनात थी।

वहीं, पूर्व वर्ल्ड चैम्पियन मुक्केबाज और पद्मविभूषण से सम्मानित मैरी कॉम ने एक बार फिर केंद्र से मदद मांगी है। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अपील की है कि केंद्रीय सुरक्षा बल दोनों समुदायों को कोम गांवों में घुसने से रोके। आर्मी कोम जनजाति को बचाए।

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