पाकिस्तान: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री को 10 साल की कैद
By: Rajesh Bhagtani Tue, 30 Jan 2024 3:23:18
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अगले महीने होने वाले आम चुनावों से पहले बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तानी अदालत ने इमरान खान को आधिकारिक रहस्य (Cipher) उजागर करने के लिए 10 साल की सजा सुनाई। इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने इसकी जानकारी दी।
पाकिस्तान मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई के संस्थापक इमरान खान के अलावा, पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को भी 'साइफर' मामले में 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। बता दें कि यह मामला गोपनीय दस्तावेजों और गोपनीय कूटनीतिक पत्रों (Cipher) को सार्वजनिक करने से जुड़ा है। पाकिस्तान में आठ फरवरी आम चुनाव होने वाले हैं।
इमरान खान ने 27 मार्च, 2022 को एक रैली में कुछ दस्तावेजों को लहराते हुए दावा किया था कि यह उनकी सरकार को गिराने की ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ का सबूत है। इमरान खान और कुरैशी पर राजनीतक लाभ के लिए इनका इस्तेमाल करने का आरोप है। उन्हें दिसंबर, 2023 में आरोपी बनाया गया था। हालांकि दोनों ने खुद को बेगुनाह बताया।
इमरान की पार्टी पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है: रिपोर्ट
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि इमरान खान को सजा सुनाए जाने के बाद उनकी पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पीटीआई संस्थापक और वर्तमान में विचाराधीन मामलों में शामिल अन्य नेताओं को फैसला सुनाए जाने के बाद पीटीआई पर प्रतिबंध लगाना संभव हो जाएगा।
बता दें कि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के वित्तपोषण (फंडिंग) की कई वर्षों की जांच के बाद सर्वसम्मति से घोषणा की कि पार्टी को अगस्त 2003 में ‘निषिद्ध राशि’ प्राप्त हुई थी। इससे पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार के लिए पार्टी को भंग करने का अवसर मिल गया। ‘जियो न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, खान को संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
इस्लामाबाद में नौ मई, 2023 को अर्द्धसैनिक रेंजर्स द्वारा खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। भ्रष्टाचार के एक मामले में खान की गिरफ्तारी के बाद हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में रावलपिंडी में सेना मुख्यालय सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठान और राज्य भवन या तो क्षतिग्रस्त कर दिये गए या उनमें आग लगा दी गई। समर्थकों द्वारा नौ मई को की गई हिंसा के बाद पार्टी मुश्किल में पड़ गई। हमले के बाद के दिनों में सैकड़ों दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया और उन पर विभिन्न आरोपों में मामले दर्ज किये गए।