इंटरनेशनल ट्रेवलर्स के लिए केंद्र ने जारी की गाइडलाइंस, थर्मल स्कैनिंग और 2% पैसेंजर्स की होगी रैंडम टेस्टिंग

By: Pinki Thu, 22 Dec 2022 11:19:34

इंटरनेशनल ट्रेवलर्स के लिए केंद्र ने जारी की गाइडलाइंस, थर्मल स्कैनिंग और  2% पैसेंजर्स की होगी रैंडम टेस्टिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में कोरोना अलर्ट के बीच गुरुवार को स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय के साथ करीब दो घंटे मीटिंग की। इसके कुछ घंटे बाद ही हेल्थ मिनिस्ट्री ने इंटरनेशनल ट्रेवलर्स के लिए एडवाइजरी जारी कर दी। इसके अनुसार विदेश से आने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट पर पहले थर्मल स्‍कैनिंग, रैंडम टेस्टिंग करानी होगी। इसके बाद अगर कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो आइसोलेट होना पड़ेगा। इसके अलावा कुल यात्रियों में से करीब 2% यात्रियों का रैंडम टेस्‍ट भी किया जाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागर विमानन मंत्रालय को इस संबंध में पत्र लिखा है। एक आधिकारिक पत्र में कहा गया, ‘प्रत्येक उड़ान में कुल यात्रियों के दो प्रतिशत तक को आगमन के बाद हवाई अड्डे पर रैंडम परीक्षण से गुजरना होगा।’ प्रत्येक उड़ान में ऐसे यात्रियों का चयन संबंधित एयरलाइंस द्वारा किया जाएगा।

इंटरनेशनल ट्रेवलर्स के लिए गाइडलाइंस में क्या...

- सभी ट्रेवलर्स पूरी तरह वैक्सीनेडेट होने चाहिए। फ्लाइट्स में और एंट्री प्वाइंट्स पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। जैसे-मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
पैसेंजर में कोविड के लक्षण पाए जाने पर उसे स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत आइसोलेट किया जाएगा। फ्लाइट से उतरने के बाद भी ‌उसे आइसोलेट किया जाएगा और ट्रीटमेंट दिया जाएगा।
- फ्लाइट से उतरते समय फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। एंट्री फ्वाइंट पर सभी पैसेंजर्स की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
- स्क्रीनिंग में किसी पैसेंजर में लक्षण पाए जाने पर उसे आइसोलेट कर इलाज के लिए भेजा जाएगा। इंटरनेशल फ्लाइट्स के 2%पैसेंजर्स की रैंडम सैंपलिंग की जाएगी।
- इन पैसेंजर्स का सिलेक्शन एयरलाइंस करेंगी, जो अलग-अलग देशों के होंगे। सैंपल देने के बाद ही ये एयरपोर्ट से जा सकेंगे।

- यदि कोई सैंपल पॉजिटिव निकला तो उसे जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए लैब में भेजा जाएगा। ऐसे पैसेंजर्स का प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज किया जाएगा और उन्हे आइसोलेट किया जाएगा।
- यात्रा से लौटने पर सभी यात्री अपनी हेल्थ का ध्यान रखेंगे। यदि इनमें से किसी में लक्षण बाद में दिखाई देते हैं तो वह नजदीकी हेल्थ सेंटर्स पर इसकी जानकारी देंगे।
- 12 साल तक के बच्चों को रेंडम सैंपलिंग में शामिल नहीं किया जाएगा। हालांकि यात्रा के दौरान या उसके बाद लक्षण मिलने पर उनका स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज किया जाएगा।

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