बच्चों की आंखों का ख्याल रखना है आपकी जिम्मेदारी, ये 6 गलतियां पड़ सकती हैं भारी
By: Ankur Wed, 02 Feb 2022 12:56:18
आजकल के समय में देखा जाता हैं कि पोषण ना मिल पाने और ज्यादा समय गैजेट्स पर बिताने की वजह से छोटे बच्चों की आंखें कमजोर होने लगी हैं और इनकी आंखों पर भी चश्मा चढ़ने लगा हैं। वहीँ कई गलतियां ऐसी होती हैं जो बच्चों की आंखों को नुकसान पहुंचाती हैं जिनका ध्यान पेरेंट्स को रखना जरूरी है ताकि ज्यादा परेशानी ना हो। आज इस कड़ी में हम आपको उन्हीं तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे माता-पिता अपने बच्चों की आंखों की देखभाल कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...
एक्सरसाइज है जरूरी
सर्दियों में अक्सर बच्चों की दिनचर्या से एक्सरसाइज कहीं गुम हो जाती है और शारीरिक गतिविधियों को भी बच्चे अपनी दिनचर्या से निकाल देते हैं। ऐसे में माता-पिता बच्चों को आंखों की एक्सरसाइज करने के लिए प्रेरित करें। और उन्हें बताएं कि आंखों की एक्सरसाइज करने से न केवल उनकी आंखें मजबूत हो सकती हैं बल्कि उनकी आंखों की रोशनी पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
चश्मा है जरूरी
यदि आपके बच्चे की आंखों में चश्मा लगा हुआ है या उसकी आईसाइट कमजोर है तो ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वह नियमित रूप से बच्चों को चश्मा लगवाएं। चश्मा ना लगाने से बच्चों की आंखें नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती हैं। साथ ही उनकी आंखों का नंबर भी बढ़ सकता है। ऐसे में वे जब भी पढ़ाई से संबंधित कोई भी काम करें तो बच्चे को चश्मा जरूर लगवाएं।
ZOOM ऑप्शन का करें प्रयोग
यदि बच्चे टेबलेट या मोबाइल पर अपनी पढ़ाई से संबंधित काम कर रहे हैं तो ऐसे में उन्हें मोबाइल स्क्रीन बड़ा करने के लिए कहें यानी ज़ूम ऑप्शन की मदद के बारे में बताएं क्योंकि ज्यादा छोटे शब्द बच्चों की आंखों के लिए ठीक नहीं हैं। ऐसे में जब वे ज़ूम करके पढ़ेंगे तो इससे बच्चों की आंखों पर नकारात्मक प्रभाव कम पड़ेगा। साथ ही वे अपनी पढ़ाई पर ज्यादा टाइम दे पाएंगे।
स्क्रीन टाइमिंग करें तय
आजकल के बच्चे लंबे लंबे समय तक मोबाइल पर गेम खेलते हुए नजर आते हैं या यूट्यूब पर वीडियो देखते नजर आते हैं। ऐसे में उनकी स्क्रीन टाइमिंग कब बढ़ती रहती है पता ही नहीं चलता और वे भूल जाते हैं कि इसका असर उनकी आंखों पर भी पड़ रहा है। ऐसे में माता-पिता उनके स्क्रीन टाइमिंग को तय करें यदि वह 6 घंटे मोबाइल को दे रहे हैं तो ऐसे में माता-पिता केवल 2 घंटे निर्धारित करें और उन 2 घंटों के बाद बच्चों को मोबाइल का प्रयोग ना करने दें।
समय-समय पर आई चैकअप भी है जरूरी
अगर आपकी बच्चों की आंखें कमजोर है या बचपन से उनकी आंखों में चश्मा लगा है तो ऐसे में माता-पिता समय से बच्चों के चेकअप करवाएं। इससे ना केवल बच्चे आंखों से संबंधित गंभीर समस्या से बच पाएंगे बल्कि वह अपनी आंखों का कई समस्याओं से बचाव भी कर पाएंगे।
जरूरी पोषक तत्व को जोड़ें
आंखों के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई आदि हैं। ऐसे में माता-पिता बच्चों की डाइट में ऐसी चीजों को जोड़ें, जिनके अंदर यह विटामिंस मौजूद हैं। इनके सेवन से ना केवल बच्चों की आंखें मजबूत होगी बल्कि वे कई समस्या से बच भी पाएंगे। उदाहरण के तौर पर वे गाजर को जोड़ सकते हैं जो ना केवल आंखों को मजबूती दे सकता है बल्कि आंखों को कई समस्याओं से बचा भी सकता है।