म्यूकर माइकोसिस या ब्लैक फंगस!, जानें कारण, लक्षण और बचने का तरीका
By: Priyanka Maheshwari Mon, 10 May 2021 09:41:21
म्यूकर माइकोसिस या ब्लैक फंगस बीमारी कोविड-19 से ठीक हुए मरीजों में सामने आ रही है। वायरस की तरह फंगस भी कोविड मरीजों पर हावी हे रहा हैं। खासातौर पर उन मरीजों को जो पहले से हाई ब्लड प्रेशर या मधुमेह से पीड़ित हैं। ब्लैक फंगस (म्युकर माइकोसिस) तो कैंसर की तरह मरीजों की हड्डियां तक गला रहा है। यह अपने आसपास की कोशिकाएं भी नष्ट कर सकता है।
दरअसल, अनियंत्रित मधुमेह की बीमारी वाले लोगों के कोरोना संक्रमित होने पर जरूरत से ज्यादा स्टेरॉयड के इस्तेमाल से ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है। यह फंगल इन्फेक्शन नाक और आंख के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है। आंख के नीचे फंगस जमा होने से सेंट्रल रेटिंग आर्टरी में ब्लड का फ्लो बंद हो जाता है। आंखों में इंफेक्शन के बाद यह एक-दो दिन में ब्रेन तक पहुंच जाता है। तब आंख निकालना मजबूरी होती है। यदि आंख निकालने में देर हो जाए तो मरीज की जान बचानी मुश्किल है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के रोगियों में म्यूकर माइकोसिस रोग पाया जा रहा है। डॉ पॉल का कहना है कि संक्रमण म्यूकर नामक कवक के कारण होता है, जो गीली सतहों पर पाया जाता है। काफी हद तक यह उन लोगों को हो रहा है, जिन्हें मधुमेह है। यह उन लोगों में बहुत ही असामान्य है जिन्हें मधुमेह नहीं हैं। कोई बड़ा प्रकोप नहीं है और हम इसकी निगरानी कर रहे हैं। डॉ पॉल के अनुसार म्यूकरमाइकोसिस अनियंत्रित मधुमेह वाले लोगों पर हमला करता है। यदि मधुमेह का कोई रोगी इम्युनो-सप्रेसिव दवाइयां, स्टेरॉयड ले रहा है, या उसे कैंसर है, तो म्यूकरमाइकोसिस रोग का प्रभाव उस पर अधिक पड़ता है। डॉ पॉल ने कहा कि इस तरह के रोगियों में इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है, अगर वे गीली सतहों के संपर्क में आते हैं।
सरकार ने जारी की एडवाइजरी
म्यूकर माइकोसिस नाम के फंगस इंफेक्शन के बढ़ते खतरे को देखते हुए अब सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने कहा है कि अनदेखी करने से यह इंफेक्शन जानलेवा हो सकता है। इसलिए बचाव के कदम उठाना जरूरी है। स्वास्थ्य मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने इसकी स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस और मैनेजमेंट को लेकर प्रमाण आधारित एडवाइजरी जारी की है।
ये हैं कारण
- अनियंत्रित डायबिटीज- स्टेरॉयड के कारण इम्यूनोसप्रेशन
- ज्यादा समय आइसीयू में रहना
लक्षण
- नाक जाम होना, नाक से काला या लाल स्राव होना
- गाल की हड्डी दर्द करना
- चेहरे पर एक तरफ दर्द होना या सूजन आना
- दांत दर्द, दांत टूटना
- जबड़े में दर्द
- दर्द के साथ धुंधला या दोहरा दिखाई देना
- सीने में दर्द और सांस में परेशानी
ऐसे बचें
- धूल भरी जगह पर मास्क लगाकर रहें
- मिट्टी और खाद का काम करते समय शरीर को जूते, ग्लव्स से पूरी तरह ढंककर रखें
- स्क्रब बाथ के जरिये सफाई पर पूरा ध्यान दें
क्या करें?
- खून में शुगर की ज्यादा मात्रा (हाइपरग्लाइसेमिया) नियंत्रित करें
- डायबिटिक लोग और कोरोना से ठीक हुए लोग ब्लड ग्लूकोज पर नजर रखें
- स्टेरॉयड के इस्तेमाल में समय और डोज का पूरा ध्यान रखें
- एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल ध्यान से करें
क्या न करें?
- लक्षणों की अनदेखी न करें
- फंगस इंफेक्शन का पता लगाने के लिए जांच कराने में न हिचकिचाएं
- समय पर इलाज जरूरी है, इसलिए वक्त न गंवाएं
- पता चलने के बाद इन बातों का रखें ध्यान
- डायबिटीज को कंट्रोल रखें
- स्टेरॉयड लेते हैं तो मात्रा कम करें और जल्द ही इस्तेमाल रोक दें
- इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग दवाओं का इस्तेमाल रोक दें
- अन्य जरूरी मेडिकल ट्रीटमेंट से जुड़े कदम उठाएं
ये भी पढ़े :
# गिलोय : हर अंग के लिए वरदान बन रोगों से करे ‘जंग’, यहां जानें प्रयोग का सही तरीका
# सर्दी-जुकाम से हैरान-परेशान! घरेलू उपचार में हल्दी-तुलसी सहित ये चीजें ऐसे बनेगी मददगार
# नारियल : इम्यूनिटी बढ़ाए, मेमोरी होती बेहतर...करता शरीर से जुड़ी हर समस्या का हल
# प्याज से न करें परहेज, गर्मी में ये है आपका सच्चा साथी, सेहत का ऐसे रखता ख्याल
# तलवों को रगड़कर धोएं और फिर चैन की नींद सोएं... यूं करें पैरों की सही देखभाल
# कफ घटाए, अच्छी नींद दिलाए...बड़े-बड़े रोगों को बौना साबित कर देता है लहसुन
# मॉनसून : स्वस्थ आंखों से ही ले सकते हैं सुहाने मौसम का मजा, आइए इन्फ़ेक्शन से ऐसे बचें