गर्मियों में बचना है लू से तो जरूर अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय
By: Kratika Mon, 16 May 2022 3:25:48
गर्मी अकेले नहीं आती, बल्कि अपने साथ-साथ हमें परेशान करने के लिए अन्य कई तरह की समस्याएं भी ले आती है। इन समस्याओं में चिलचिलाती धूप, उमस और गर्म हवाएं शामिल हैं। इन दिनों दोपहर के समय बाहर बहुत तेज गर्म हवाएं चलती हैं, इन गर्म हवाओं को ही लू कहते हैं। मजबूत इम्युनिटी वाले लोग इन गर्म हवाओं को सहन कर लेते हैं लेकिन बहुत से लोग इन हवाओं को सहन नहीं कर पाते हैं और संपर्क में आते ही बीमार पड़ जाते हैं। देश में हर साल काफी बड़ी तादात में लोग लू की चपेट में आ जाते हैं।
लू लगने के कारण
गर्मी में बढ़ता पारा हवाओं को लू में बदल देता है। ऐसे में अगर हम धूप में शरीर पूरा ढंके बिना बाहर निकलते हैं, तो लू लगने का पूरी-पूरी संभावना रहती है। इसके अलावा तेज़ धूप में नंगे पैर चलना, घर से बिना कुछ खाए निकलना, कम पानी पीना, एसी वाली जगह से निकलकर तुरंत धूप में चले जाना, धूप से बाहर आकर तुरंत ठंडा पानी पीना और कम पानी पीने वालों को लू जल्दी अपनी चपेट में लेती है।
लू से बचने के असरदार घरेलू उपाय
-प्याज को भून लें और इसे एक साधारण प्याज के साथ मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण में जीरा पाउडर और मिश्री मिलाकर खाने से भी लू से आराम मिलता है। इसके अलावा रोजाना खाने में कच्चे प्याज का इस्तेमाल करें।
-ज्यादा देर तक धूप में रहना हो तो छाते का इस्तेमाल करें।
-अधिक मात्रा में पानी पिएं। बाहर जाते समय पानी की बोतल साथ लेकर जाएं।
-घर पर ही आम का पना बनाकर पियें। लू से बचने का यह सबसे असरदार घरेलू उपाय है।
-धनिये और पुदीने दोनों की ही तासीर ठंडी होती है। लू से बचने के लिए गर्मियों में रोजाना धनिये और पुदीने का जूस बनाकर पिएं।
- प्याज के रस को निकाले और उसे पीये। साथ ही उसी रस को छाती पर भी मलें।
-गर्मियों के दिनों में हल्का भोजन करें
-पूरी बांह के कपड़े पहनें और नंगे पैर बाहर ना निकलें।
-हल्के रंगों वाले सूती कपड़े पहनें, सिंथेटिक कपड़ों से परहेज करें।
-गर्मी के दिनों में कभी भी खाली पेट घर से बाहर ना निकलें
-ऐसे में आप पुदीने की पत्तियों को पीसकर उसमें दो लौंग मिलाएं और दोबारा से पीस लीजिये। अब पानी मिलाकर उसका सेवन करें।
-सब्जियों का सूप बनाकर रोजाना सेवन करें।
-लू लगने पर कभी बहुत ठंडा पानी न दें ,मटके का पानी दे या सामान्य पानी दें।
-शरीर को ठंडा रखने के लिए दिन में एक या दो बार नींबू पानी का सेवन ज़रुर करें।
लू से बचने के आयुर्वेदिक उपाय
आयुर्वेद के अनुसार गर्मियों के दिनों में ठंडी तासीर वाली चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए। ठंडी तासीर वाली चीजों को खाने से शरीर में ठंडक बनी रहती है और लू नहीं लगती है
सेब का सिरका : लू लगने पर शरीर में मिनरल और इलेक्ट्रोलाइट की कमी हो जाती है खासतौर पर पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे ज़रुरी मिनरल की मात्रा काफी कम हो जाती है। ऐसे में सेब के सिरके का सेवन करने से ये खोए हुए मिनरल वापस मिल जाते हैं और शरीर में इनका संतुलन बना रहता है।
खुराक और सेवन का तरीका : दो चम्मच सेब के सिरके को एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में दो बार इसका सेवन करें।
चंदनासव : यह चंदन और कई तरह की जड़ी बूटियों से निर्मित एक आयुर्वेदिक पेय औषधि (आसव) है। आयुर्वेद के अनुसार चंदनासव में शीतल गुण होता है। ठंडी तासीर होने के कारण जब शरीर में गर्मी या जलन काफी बढ़ जाती है तो इसका इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद रहता है। लू लगने पर इसका सेवन करने से जल्दी आराम मिलता है।
खुराक और सेवन का तरीका : तीन से चार चम्मच चंदनासव और समान मात्रा में पानी मिलाकर दिन में दो बार खाना खाने के बाद इसका सेवन करें।
बेल का शरबत : गर्मियों में बेल का शरबत अमृत के समान होता है। बेल में विटामिन सी और फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसके सेवन से शरीर में ठंडक बनी रहती है और लू से बचाव होता है। बेल का शरबत पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखता है।
खुराक और सेवन का तरीका : रोजाना दिन में दो-तीन बार इस जूस का सेवन खाना खाने से पहले करें।
गिलोय का जूस : गिलोय में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करती है। आयुर्वेद के अनुसार गिलोय वात, पित्त और कफ शामक माना जाता है। यह लू में होने वाले तेज बुखार को जल्दी ठीक करती है और शरीर के तापमान को और बढ़ने से रोकती है।
खुराक और सेवन का तरीका : आजकल बाज़ार में गिलोय का रस आसानी से उपलब्ध है। आप इसे ऑनलाइन भी मंगा सकते हैं। दो से तीन चम्मच गिलोय रस में समान मात्रा में पानी मिलाकर रोजाना सुबह नाश्ते से पहले इसका सेवन करें।
उशीरासव : उशीरासव (खस) एक आयुर्वेदिक पेय औषधि है। यह पित्तशामक है और लू लगने पर यह शरीर में होने वाली गर्मी और जलन को शांत करने में मदद करती है. इसके अलावा पित्त संबंधी सभी रोगों में आप उशीरासव का इस्तेमाल कर सकते हैं।
खुराक और सेवन का तरीका : तीन से चार चम्मच उशीरासव और समान मात्रा में पानी मिलाकर दिन में दो बार खाना खाने के बाद इसका सेवन करें।