बारिश के मौसम में पैरों के साथ ‘चलती’ हैं ये समस्याएं, ऐसे रखें ख्याल...

By: Nupur Fri, 07 May 2021 4:24:21

बारिश के मौसम में पैरों के साथ ‘चलती’ हैं ये समस्याएं, ऐसे रखें ख्याल...

बारिश के दौरान सीधे तौर पर गंदे पानी की चपेट में आने के कारण हमारे पैरों में इन्फ़ेक्शन होने का चांस काफ़ी ज़्यादा होता है। यह इसलिए भी कि हम बारिश में भीगने या बारिश में जमा पानी से होकर गुज़रने के बाद पैरों की साफ़-सफ़ाई पर उतना ध्यान नहीं देते, जितना देने की ज़रूरत होती है। बारिश के समय गीली जगह पर फ़ंगस अधिक पनपते हैं।

अधिक समय तक पैर गीले रहें तो कई तरह के फ़ंगस पनप जाते हैं, जो पैर की त्चचा के लिए कतई ठीक नहीं होते। इसके अलावा अगर आपके पैर लंबे समय तक गीले शूज़ और सॉक्स में रहते हैं, तो इन्फ़ेक्शन होने की संभावना और बढ़ जाती है। इन परेशानियों से बचने के लिए आप अपने पैरों को कुछ घरेलू नुस्ख़े आज़माकर सुरक्षित रख सकते हैं और बारिश में भीगने का लुत्फ़ उठा सकते हैं।


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पैरों में होने वाले संक्रमण

नाख़ूनों के इन्फ़ेक्शन

बारिश के दौरान लंबे समय तक नाख़ूनों में पानी भरे रह जाने के कारण फ़ंगस पनप जाते हैं, जिसके कारण नाख़ूनों में खुजली होने के साथ सूजन की समस्या हो जाती है। कई बार यह इन्फ़ेक्शन इतना बढ़ जाता है कि पूरा नाख़ून निकल जाता है।

एक्ज़िमा

पैरों में यह इन्फ़ेक्शन बैक्टीरिया की वजह से होता है। इसमें पैरों में लाल रंग के धब्बे पड़ जाते हैं और खुजली के साथ जलन भी होती है। लंबे समय तक लापरवाही बरतने पर त्चवा काफ़ी हार्ड हो जाती है, जिसकी वजह से घाव भी बनने लगते हैं।

दाद

दाद यानी रिंगवर्म भी एक तरह का फ़ंगल इन्फ़ेक्शन है, जो संक्रमित चीज़ों के सपंर्क में आने से अधिक फैलता है। बारिश के दिनों में गंदे पानी और आसपास की अनचाही चीजों के चपेट में आने से दाद के फ़ंगस पैरों में आसानी से पनप जाते हैं।


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बचने के उपाय

पैरों की ठीक से सफ़ाई करें

बारिश में भीगने के बाद पैरों को ऐंटी-बायोटिक से साफ़ करें। पानी में डिसइंफ़ैक्टेंट्स मिलाना ना भूलें। पैरों की उंगुलियों को भी अच्छे से साफ़ करें और उन्हें पोछकर ऐंटी-सेप्टिक क्रीम लगाएं। नाख़ूनों पर पाउडर छिड़ककर उन्हें ठीक से सुखा लें, ताकि उसमें पानी ना रहे। यह पैरों से चिपके बैक्टीरिया और फ़ंगस को मारकर आपके पैरों को इन्फ़ेक्शन से बचाएगा।

नंगे पैर ना घूमें

बाहर निकलते समय जूते या बरसाती चप्पल पहनें। पैर में अगर चोट लगी हो, तो मोजा और जूता ही पहनें, ताकि चोट वाली जगह सीधे तौर पर पानी और मिट्टी के संपर्क में न आ सके। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें कि गीले जूते व मोजे जितना जल्दी हो बदलें।


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बारिश के जमा पानी में जाने से बचें

जमा पानी में कई तरह के बैक्टीरिया भी जमा हो जाते हैं, जो बाहरी और अंदरूनी सेहत के लिहाज से बहुत ज़्यादा नुक़सानदायक होते हैं। अगर किसी कारणवश जाना पड़े, तो उससे निकलने के बाद कम से कम साफ़ पानी से पैर ज़रूर धोएं। ऑफ़िस जाते समय बैग में सूखा तौलिया या कॉटन का कपड़ा रखें, ताकि ऑफ़िस पहुंचकर पैरों को ठीक से साफ़ कर सकें। नाख़ूनों को ठीक से सुखाने के लिए टेलकम पाउडर का छोटा डिब्बा भी बैग में कैरी कर सकते हैं। डिसइंफ़ैक्टेंट्स या वेट वाइप्स का भी प्रयोग करें, यह भी आपके पैरों पर जमे बैक्टीरिया को साफ़ कर देगा।

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