मलयालम फिल्म निर्देशक एम मोहन का 76 वर्ष की आयु में निधन, लंबे समय से थे बीमार
By: Rajesh Bhagtani Tue, 27 Aug 2024 5:41:48
दिग्गज फिल्म निर्माता निर्देशक एम मोहन का आज मंगलवार, 27 अगस्त को कोच्चि में लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। उन्होंने एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 76 वर्ष के थे। खबरों के अनुसार, मलयालम फिल्म निर्माता कोच्चि में उम्र से संबंधित कुछ बीमारियों का इलाज करा रहे थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी अनुपमा और दो बेटे उपेंधर मोहन और पुरंदर मोहन हैं।
एम मोहन की पत्नी भी एक प्रसिद्ध कुचिपुड़ी नृत्यांगना हैं और उन्होंने मलयालम फिल्म उद्योग में एक अभिनेत्री के रूप में काम किया है। फिल्म निर्माता के आकस्मिक निधन से फिल्म उद्योग में शोक की लहर है। निर्देशक ने 1970 के दशक के अंत में अपना करियर शुरू किया और 2005 में अपनी आखिरी फिल्म बनाई। उनकी कुछ बेहतरीन कृतियों में इदावेला, विदा परयुम मुनपे, अलोलम, तीर्थम, मुखम, अंगने ओरु अवधिकालथु, पक्ष और मंगलम नेरुन्नु शामिल हैं।
एम मोहन ने शालिनी एंटे कूटुकरी, इदावेला और कोचु कोचु थेट्टुकल जैसी हिट फिल्में दीं। एम मोहन ने 1978 में वडका वीडू के साथ निर्देशन में पदार्पण किया। उनकी अगली दो फिल्मों, शालिनी एंटे कूटुकरी और रंदू पेनकुट्टिकल ने उनकी अनूठी फिल्म निर्माण शैली को दिखाया। निर्देशन के अलावा, एम मोहन ने पांच फिल्मों के लिए पटकथा लिखी, जिनमें एंगिन ओरु अवधिकालथु, मुखम, श्रुति, अलोलम और विदा परयुम मुनपे शामिल हैं। उन्होंने इथिला इनियुम वरु और कथायरियाथे जैसी फिल्मों की कहानियों में भी योगदान दिया।
80 के दशक में रिलीज़ हुई एम मोहन की अधिकांश फ़िल्मों को मलयालम फ़िल्म उद्योग के स्वर्ण युग का हिस्सा माना जाता है, एक ऐसा दौर जब केजी जॉर्ज, भारतन और पद्मराजन जैसे नामी निर्देशक मुख्य भूमिकाओं में थे इस फिल्म में नेदुमुदी वेणु मुख्य भूमिका में थे और इसकी पटकथा जॉन पॉल ने लिखी थी। यह फिल्म एम मोहन के करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक बन गई।