भारत और अमेरिका के रिश्तों में एक बार फिर मजबूती के संकेत देखने को मिल रहे हैं। व्हाइट हाउस ने खुलासा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच नियमित रूप से बातचीत होती रहती है। दोनों देशों की व्यापारिक टीमें भी आपसी हितों को ध्यान में रखते हुए निरंतर और सार्थक संवाद कर रही हैं।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप प्रधानमंत्री मोदी के प्रति गहरा सम्मान रखते हैं और उनसे अक्सर चर्चा करते रहते हैं। उन्होंने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच व्यापार व आर्थिक सहयोग पर गंभीर बातचीत जारी है, और यह संकेत है कि दोनों राष्ट्रों के संबंध सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”
दीवाली पर हुई थी विशेष बातचीतलेविट ने यह भी जानकारी दी कि राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में दीवाली के मौके पर व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस से प्रधानमंत्री मोदी से टेलीफोन पर बात की थी। इस अवसर पर कई वरिष्ठ भारतीय-अमेरिकी अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि ट्रंप भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर अत्यंत आशावादी हैं और इस साझेदारी को और गहराई देने के इच्छुक हैं। साथ ही, उन्होंने नई दिल्ली में तैनात अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर की सराहना की, जो दोनों देशों के बीच राजनयिक और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
व्यापारिक मतभेदों के बाद रिश्तों में सुधार के संकेतबीते कुछ वर्षों में व्यापारिक मतभेदों के कारण दोनों देशों के बीच तनाव देखने को मिला था, लेकिन अब माहौल में बदलाव दिखाई दे रहा है। हाल ही में दक्षिण कोरिया यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने संकेत दिया था कि वे भारत के साथ एक नई व्यापारिक डील करने के इच्छुक हैं। यह बयान उस समय आया जब अमेरिका ने भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद जारी रखने पर भारतीय आयात पर शुल्क को 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया था।
यह शुल्क वृद्धि 30 जुलाई को लागू की गई थी, और उसके एक सप्ताह बाद अमेरिका ने अतिरिक्त 25% टैक्स और जोड़ दिया था। हालांकि, रूस की प्रमुख तेल कंपनियों रॉसनेफ्ट और लुकोइल पर अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारतीय तेल कंपनियों ने रूस से कच्चे तेल का आयात घटा दिया है।
विशेषज्ञों की राय — नई दिशा में बढ़ते रिश्तेअंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि हालिया घटनाक्रम दोनों देशों के रिश्तों में नई गर्माहट का संकेत देता है। व्हाइट हाउस के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि आने वाले महीनों में भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक सहयोग और व्यापारिक साझेदारी को और मजबूती मिल सकती है।