
बेंगलुरु में आरसीबी की जीत के बाद हुए जश्न के दौरान भगदड़ की दर्दनाक घटना को लेकर कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे का बयान सामने आया है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि यह प्रशासन की लापरवाही थी और अगर थोड़ी सतर्कता बरती जाती, तो इतना बड़ा हादसा टल सकता था। साथ ही उन्होंने इस मुद्दे पर बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए उस पर राजनीतिकरण का आरोप लगाया।
भीड़ में मची अफरा-तफरी, मातम में बदला उत्सवबेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी की जीत के बाद आयोजित स्वागत समारोह में लाखों लोग जुट गए। जश्न के माहौल में अचानक भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए। खुशी का माहौल पल भर में मातम में बदल गया।
कर्नाटक सरकार ने स्वीकारी गलतीघटना के बाद मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि प्रशासन से चूक हुई है। बेहतर योजना और तालमेल से इस दुर्घटना को रोका जा सकता था। उन्होंने बताया कि स्टेडियम की अधिकतम क्षमता 35,000 है, लेकिन कार्यक्रम के दौरान 2 से 3 लाख लोग सड़कों पर उमड़ पड़े। उन्होंने कहा, “हमने अपनी ओर से प्रयास किए, पर crowd control में असफल रहे। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जिम्मेदारी ली है और अधिकारियों को आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।”
बीजेपी पर तीखा हमलाप्रियांक खरगे ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें ज़मीनी हालात से कोई सरोकार नहीं है, उनका मकसद केवल हर मुद्दे को राजनीतिक रंग देना होता है। उन्होंने बताया कि जब हमने बीजेपी नेताओं को विक्ट्री परेड के लिए आवश्यक तैयारियों की कमी बताई, तो उन्होंने हमें टीम का अपमान करने वाला कहा। बाद में वही लोग अब हमें नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी कभी भी किसी मुद्दे को राजनीतिक फायदे के बिना नहीं छोड़ती, चाहे वह राष्ट्रीय भावना ही क्यों न हो।
बीजेपी ने सरकार से पूछे तीखे सवालबीजेपी की ओर से प्रेस कांफ्रेंस में कर्नाटक सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया। प्रवक्ताओं ने पूछा कि क्या यह सिर्फ एक हादसा था? क्या यह साधारण भगदड़ थी? मुख्यमंत्री का यह कहना कि ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, गैर-जिम्मेदाराना है। बीजेपी ने इसे सीएम और डिप्टी सीएम के आपसी मतभेद का नतीजा बताया। उन्होंने सवाल किया कि जब स्टेडियम की क्षमता 35,000 है, तो 3 लाख लोग कैसे पहुंच गए? विक्ट्री परेड किसके कहने पर हुई? ऑर्गनाइज़र और पुलिस के बीच समन्वय क्यों नहीं था?
बाहर मातम, अंदर जश्नबीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि एक ओर स्टेडियम के बाहर लोगों की मौत हो रही थी और अंदर जीत का जश्न मनाया जा रहा था। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सभी को मालूम था कि इतने फैंस सड़कों पर आएंगे, तो पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए? क्या मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस्तीफा देंगे? उन्होंने दावा किया कि इस दौरान 25 हजार अतिरिक्त टिकट बेचे गए। राहुल गांधी कहां हैं? क्या वो इस मुद्दे पर सीएम और डिप्टी सीएम को जवाबदेह ठहराएंगे?