ईरान पर अमेरिकी हमले से तिलमिलाया पाकिस्तान, जानें क्या कहा?

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गहरी चिंता के साथ एक आधिकारिक बयान जारी किया है, जिसमें अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर किए गए सैन्य हमलों की कड़ी निंदा की गई है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब पूरे मध्य-पूर्व में पहले से ही तनाव की आग सुलग रही है। पाकिस्तान ने कहा है कि यह हमला न केवल ईरान की संप्रभुता का खुला उल्लंघन है, बल्कि यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए भी एक बेहद खतरनाक मोड़ साबित हो सकता है।

हमले से और भड़केगा तनाव, शांति की राह पर संकट


पाकिस्तान ने दो टूक शब्दों में कहा कि अमेरिका द्वारा किए गए ये हमले इजरायल की हालिया कार्रवाइयों की श्रृंखला का ही विस्तार हैं, जो पहले से ही मध्य-पूर्व को अस्थिर कर चुकी हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, यह घटनाक्रम पूरे क्षेत्र में पहले से फैले तनाव को और अधिक भड़का सकता है, जिससे न केवल ईरान, बल्कि पड़ोसी देशों और वैश्विक शांति पर भी विपरीत असर पड़ेगा।

आत्मरक्षा का हक, संयुक्त राष्ट्र चार्टर की अनदेखी

पाकिस्तान ने अपने बयान में अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का हवाला देते हुए कहा कि ईरान को आत्मरक्षा का पूर्ण अधिकार है। अमेरिकी हमले ने इन सभी अंतरराष्ट्रीय नियमों की अनदेखी की है, जो बेहद चिंताजनक और अस्वीकार्य है। पाकिस्तान ने इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर अमेरिका की जिम्मेदारी से भागने की कोशिश बताया।

नागरिकों की सुरक्षा पर जोर, युद्ध नहीं संवाद ही है हल

इस संकटपूर्ण घड़ी में पाकिस्तान ने सभी देशों और पक्षों से अपील की है कि वे आम नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखें और किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई से परहेज़ करें। पाकिस्तान ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अब वक्त है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बातचीत और कूटनीति को प्राथमिकता देनी चाहिए। देश ने यह भी साफ किया कि इस समस्या का समाधान केवल और केवल संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों के अनुसार ही संभव है।