बांग्लादेश एक बार फिर हिंसा की आग में झुलस उठा है। हाल ही में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की देशव्यापी अशांति के बीच एक ऐसी दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। उग्र भीड़ ने एक सात साल की मासूम बच्ची को जिंदा जला दिया। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, यह भयावह वारदात शनिवार को लक्ष्मीपुर सदर उपजिला में हुई, जहां कथित तौर पर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के एक नेता के घर को बाहर से बंद कर आग के हवाले कर दिया गया। इस आगजनी में बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोग गंभीर रूप से झुलस गए।
घटना ने देशभर में गुस्से और भय का माहौल पैदा कर दिया है। चश्मदीदों का कहना है कि आग इतनी तेजी से फैली कि घर के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। इस नृशंस कृत्य ने राजनीतिक हिंसा की भयावहता को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
हत्या के बाद सुलगता बांग्लादेश, सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम12 दिसंबर को ढाका के बिजोयनगर इलाके में एक चुनावी जनसंपर्क अभियान के दौरान नकाबपोश हमलावरों ने छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी के सिर में गोली मार दी थी। गंभीर रूप से घायल हादी को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां गुरुवार को उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। 32 वर्षीय हादी का शनिवार को ढाका विश्वविद्यालय की मस्जिद के पास, राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की समाधि के समीप कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अंतिम संस्कार किया गया।
हादी की मौत के बाद पूरे देश में हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं तेज हो गईं। कई शहरों में सरकारी और राजनीतिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया। गुरुवार को चटोग्राम में सहायक भारतीय उच्चायुक्त के आवास पर पत्थरबाजी की घटना ने हालात की गंभीरता को और बढ़ा दिया।
हादी के अंतिम संस्कार के तुरंत बाद उनकी पार्टी ‘इंकलाब मंच’ ने अंतरिम सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। संगठन ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए हादी की हत्या में शामिल आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
इंकलाब मंच की यह चेतावनी शनिवार दोपहर ढाका के शाहबाग चौराहे पर हजारों समर्थकों की मौजूदगी में दी गई। मंच के प्रवक्ता और जुलाई के जन आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक शरीफ उस्मान हादी की जनाजे की नमाज के बाद सरकार को चेताते हुए कहा कि यदि तय समयसीमा के भीतर कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और उग्र होगा।
निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में थे हादीशरीफ उस्मान हादी जुलाई 2024 में हुए विद्रोह के सबसे प्रभावशाली चेहरों में गिने जाते थे। भारत के मुखर आलोचक रहे हादी ‘इंकलाब मंच’ के प्रवक्ता के रूप में भी सक्रिय थे। उन्होंने हाल ही में घोषणा की थी कि वह ढाका-8 निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 13वें संसदीय चुनाव में उतरेंगे।
हादी के परिवार ने शाहबाग चौराहे पर उनके नाम पर एक स्मारक बनाए जाने की मांग की है। यही वह स्थान था, जहां से उन्होंने बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन आंदोलन की नींव रखी थी। अंतरिम यूनुस सरकार ने हादी के निधन पर एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। उनका अंतिम संस्कार संसद भवन के नजदीक किए जाने की योजना के चलते पूरे ढाका में सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व रूप से सख्त कर दिया गया है।
नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग की सुरक्षा बढ़ाई गईबांग्लादेश में फैली हिंसा का असर पड़ोसी देशों तक भी महसूस किया जा रहा है। हालात को देखते हुए नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस ने उच्चायोग परिसर और उसके आसपास अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की है।
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गुरुवार रात से ही सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। शुक्रवार को उच्चायोग के आसपास बैरिकेडिंग की गई और आने-जाने वाले सभी वाहनों की गहन जांच की गई। प्रशासन किसी भी संभावित अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क बना हुआ है।