इस बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रण में लाने में वर्तमान में जो सबसे मददगार साबित हो रहा हैं वो हैं कंडोम। जैसे-जैसे लोग शिक्षित और जागरूक होते जा रहे हैं वो कंडोम का इस्तेमाल करने लगे है। बीते 2 वर्षों में इस कोरोनाकाल में तो कंडोम की बिक्री में काफ़ी इजाफ़ा देखने को मिला है। एक तरफ जहां कंडोम की बिक्री थोड़ी कम होती थी, वहां कोविड-19 के दौरान कई देशों में कंडोम की जमकर बिक्री हुई थी। बल्कि आलम यह था कि कई देशों में तो कंडोम की कमी के कारण उसे दुगने दाम पर बेचा जा रहा था। हांलाकि आज के समय में कंडोम किफायती दर पर उपलब्ध हैं और फ्री में भी मिल जाते हैं। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको 200 साल पुराने कंडोम के बारे में बताने जा रहे हैं।
आप शायद ही जानते होंगे कि निरोध आज की दुनिया का आविष्कार नहीं है, जी हाँ बल्कि हमारे पूर्वज भी इनका उपयोग करते थे। सुनकर आपको अचम्भा हो रहा होगा लेकिन यह सत्य है। जी दरअसल आज के समय में जहां कंडोम लेटेक्स के बनते हैं, उस समय इन्हें बनाने के लिए भेड़ की अंतड़ियों का उपयोग किया जाता था। जी हाँ और यह 18-19वीं सदी का 200 साल पुराना कंडोम है जो काफ़ी यूनिक और महंगा है। आज हम आपको दुनिया के सबसे महंगे कंडोम के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं।जी दरअसल, ये उस काल का कंडोम है, जब इन्हें भेड़, सूअर, बछड़े और बकरियों की अंतड़ियों से बनाया जाता था। केवल यही नहीं बल्कि उस समय कंडोम का उपयोग सिर्फ़ अमीर लोग किया करते थे, क्योंकि वो काफ़ी महंगे बिकते थे। इसी के साथ ही उसे बनाने में बहुत समय और मेहनत लगती थी और उसके बाद जब 19वीं सदी में रबर के कंडोम बनने लग गए, तब इनका मूल्य कम हो गया। इसी के साथ ही हर बीतती सदी में कंडोम का विकास होता चला गया। हालाँकि आज कंडोम हर एक साइज़ और फ़्लेवर में उपलब्ध है। आपको बता दें कि 7 इंच का ये कंडोम स्पेन के एक शहर में बंद बक्से में पाया गया था और इसे एम्स्टर्डम के एक व्यक्ति ने खरीदा था।