अकबर-बीरबल की कहानी: गधे तंबाकू नहीं खाते। इंसान ही खाते हैं! World No Tobacco Day 2018

अकबर बीरबल के किस्सों की हम सभी बचपन से सुनते आ रहे है। इनके किस्सों से हमे जीवन में बहुत कुछ सीखने को मिलता है। जैसा ही हम सब जानते है कि पूरी दुनिया में तम्बाकू निषेध दिवस 31 मई को मनाया जाता है।

तम्बाकू एक प्रकार के निकोटियाना प्रजाति के पेड़ के पत्तों को सुखा कर नशा करने की वस्तु बनाई जाती है। दरअसल तम्बाकू एक मीठा और धीमा जहर। हौले-हौले यह आदमी की जान लेता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि तम्बाकू के सेवन से जीवनी शक्ति का भी ह्रास होता है। व्यक्ति को पता चल जाता है कि तम्बाकू का सेवन हानिकारक है किंतु बाद में लाख छुड़ाने पर भी यह लत छूटती नहीं। सो धीरे-धीरे उसमें जीवनी शक्ति भी कम होती जाती है और वह अपने आपको एक तरह से विनाश के हवाले भी कर देता है। आज हम आपको तंबाकू से जुड़ा हुआ अकबर बीरबल का एक किस्सा बताने जा रहे।

कहानी

बीरबल तंबाकू खाते थे, लेकिन अकबर बादशाह नहीं खाते थे। हालांकि बीरबल जानते थे कि तंबाकू खाना बुरी आदत है, लेकिन आदत थी कि छूटती ही नहीं थी। बहरहाल, बादशाह अकबर को भी बीरबल की यह आदत पसंद नहीं थी। उन्होंने इसके बहाने बीरबल की टांग खींचने की सोची। एक दिन अकबर बीरबल को लज्जित करने के लिए सैर का बहाना करके तंबाकू के खेत में ले गए। वहां जाकर उन्होंने एक गधा खेत में चरने के लिए छुड़वा दिया। गधे ने तंबाकू को मुंह भी नहीं लगा। यह देखकर अकबर बादशाह बोले: बीरबल देखो, तंबाकू कैसी बुरी चीज है। इसे गधा तक नहीं खाता। बीरबल जानते थे कि महाराज सच कह रहे हैं, पर वह भी हाजिरजवाबी की अपनी आदत से मजबूर थे। तपाक से बोल पड़े: हां, जहांपनाह! यह सच है, गधे तंबाकू नहीं खाते। इंसान ही खाते हैं। बीरबल का जवाब सुन बादशाह अकबर खुद पानी-पानी हो गए। वैसे तो बीरबल ने यह मजकियाँ तरीके में बोला लेकिन हम सब जानते है कि जब एक जानवर को पता है कि तंबाकू उसके लिए नुकसान पहुँचाने वला है तो हम इंसान इस बात को क्यों नहीं समझतें।

31 मई को तम्बाकू निषेध दिवस / World No Tobacco Day मनाया जाता है आइये इस अवसर पर हम संकल्प लें कि खुद भी नशा नही करेंगे और अन्य लोगो को भी नशा ना करने के लिये प्रोत्साहित करेंगे।