अगर हम आपसे पूछे कि दुनिया में सबसे महंगा क्या है? तो आप या तो गूगल पर सर्च करेंगे या फिर आप बोलेंगे सोना-चांदी या फिर फिर हीरा। लेकिन आपका जवाब गलत होगा क्योकि इस चीज का नाम है एंटीमैटर। इसकी कीमत 1.80 लाख करोड़ रुपये प्रति ग्राम है। आइए जानें इसके बारे में...
एंटीमैटर क्या होता है- विकीपीडिया पर दी गई जानकारी के मुताबिक, एंटीमैटर दरअसल एक पदार्थ के ही समान है, लेकिन उसके एटम के भीतर की हर चीज उलटी है। एटम में सामान्य तौर पर पॉजिटिव चार्ज वाले न्यूक्लियस और नेगेटिव चार्ज वाले इलैक्ट्रोंस होते हैं, लेकिन एंटीमैटर एटम में नेगेटिव चार्ज वाले न्यूक्लियस और पॉजिटिव चार्ज वाले इलैक्ट्रोंस होते हैं। ये एक तरह का ईधन है, जिसे अंतरिक्षयान और विमानों में किया जाता है।
क्या है कीमत- वैज्ञानिकों का मानना है कि सैद्धांतिक तौर पर करीब आधा किलो एंटीमैटर में दुनिया के सबसे बड़े हाइड्रोजन बम से भी ज्यादा विध्वंसक ताकत होती है। हालांकि इससे उपयोगी ऊर्जा प्राप्त करने के लिए काफी बड़ी राशि की जरूरत होती है। नासा ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है। इस वक्त 1 मिलीग्राम एंटीमैटर बनाने में 2500 करोड़ डॉलर यानी 1.82 लाख करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। इसका इस्तेमाल अस्पतालों और रेडियोधर्मी अणुओं को पॉजिट्रान एमिशन टोमोग्राफी के रूप में मेडिकल इमेजिंग में भी होता है। इसका इस्तेमाल परमाणु हथियारों में भी किया जाता है।
कहां से आता है एंटीमैटर- एंटीमैटर एक काल्पनिक तत्व नहीं, बल्कि असली तत्व होता है। इसकी खोज बीसवीं शताब्दी में हुई थी। ये अंतरिक्ष में ही छोटे-छोटे टुकड़ों में मौजूद है। जिस तरह सभी भौतिक वस्तुएं मैटर यानी पदार्थ से बनती हैं और मैटर में प्रोटोन, इलेक्ट्रॉन और न्यूट्रॉन होते हैं, उसी तरह एंटीमैटर में एंटीप्रोटोन, पोसिट्रॉन्स और एंटीन्यूट्रॉन होते हैं। एंटीमैटर को बनाने के लिए लैब में वैज्ञानिक इसे दूसरे पदार्थों के साथ मिलाकर थोड़ा रिफाइन करते हैं। ताकि इसका इस्तेमाल ईधन के रूप में हो सके। अंतरिक्षयान और परमाणु हथियारों के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है। रॉकेट लॉन्चर में भी है इसकी उपयोगिता है।