हर गाडी पर नंबर प्लेट लगा होता हैं जिससे उसकी अलग पहचान बनती हैं और इसी से ही RTO द्वारा गाडी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट तैयार होता हैं। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया हैं कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल सहित कई VVIP की कारों पर रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट नहीं होती हैं। आखिर ऐसा क्यों होता हैं इसके पीछे का रहस्य ब्रिटिश सिस्टम से जुड़ा हुआ हैं। तो आइये जानते हैं इस रहस्य के बारे में।
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सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन का सीधे शब्दों में अर्थ यह है कि किसी गाड़ी को सड़क पर चलने देने की अनुमति देने के लिए सरकार की तरफ से एक रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिया जाता है। इसे ही आरसी या सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन कहा जाता है। इस रजिस्ट्रेशन का नंबर ही आपकी गाड़ी का नंबर कहलाता है, जो दिल्ली में DL, चंडीगढ़ में CH, उत्तर प्रदेश में UP, उत्तराखंड में UK, पंजाब में PB और बिहार में BR से शुरू होता है। किसी भी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन 15 साल के लिए होता है।
ब्रिटिश सिस्टम के मुताबिक ‘किंग कैन डू नो रॉन्ग’ यानि एक राजा कभी भी गलत नहीं कर सकता। इसी वजह से राष्ट्रपति व अन्य माननीयों की गाड़ियों पर रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं होता। यही वजह है कि राष्ट्रपति की कार पर नंबर प्लेट नही होता है। ब्रिटिश सिस्टम को मानते हुए राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल सहित तमाम वीवीआइपी की कारों पर नंबर प्लेट नहीं लगाया जाता है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपाल, उपराज्यपाल के वाहनों की नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर की जगह राजकीय प्रतीक अशोक स्तंभ बना होता है।