आज के समय में देश के कई हिस्सों में मेट्रो ट्रेन सेवा वहाँ के सुगम यातायात का साधन बन चुकी हैं। यह किराये में किफायती होने के साथ ही कम समय लेती हैं। दिल्ली के लिए तो मेट्रो को लाइफलाइन माना जाता हैं क्योंकि जिस दिन मेट्रो रुकी उस दिन दिल्ली रूक जाती हैं। आपने भी कभी ना कभी तो मेट्रो का सफ़र किया ही होगा। तो क्या कभी आपने ध्यान दिया है कि हर मेट्रो स्टेशन पर पीली टाइल्स से बनी पीली लाइन भी बनी होती हैं। क्या आप जानते हैं कि आखिर यह क्यों बनाई जाती हैं। इसके पीछे बहुत महत्वपूर्ण कारण हैं जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
जब भी आप मेट्रो का इंतजार कर रहे होते हो, उस समय आपने यह अनाउंसमेंट सुनी होगी कि 'कृप्या पीली लाइन से पीछे खड़े हों', यह बात सुरक्षा कारणो से बोली जाती है। मेट्रो प्लेटफॉर्म के पास तो पीली रेखा बनी ही होती है। इसके अलावा मेट्रो स्टेशन की एंट्री से लेकर कतार में खड़े रहने और प्लेटफॉर्म तक जाने में आपको पीली टाइल्स लगी दिखती होंगी।
मेट्रो स्टेशन पर ये पीली टाइल्स टेक्टाइल पेविंग होती है, जो नेत्रहीन लोगों की सुरक्षा और मदद के उद्देश्य से लगाई गई हैं। इनकी मदद से नेत्रहीन लोग उनपर चलकर अपने छड़ी के सहारे से रास्ते का पता लगा पाते हैं। अगर आप भी आजतक इस पीली लाइन का मतलब नहीं समझते थे, तो अब जब भी आप दिल्ली मेट्रो में सफर करें तो इस बात का ध्यान रखें। अब कभी इस लाइन पर न चलें। इस लाइन पर उन लोगों को चलने दें जिन्हें इसकी जरूरत है।