मकर संक्रांति का दिन हिन्दू धर्म में बहुत महत्व रखता हैं क्योंकि इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता हैं जिसे उत्तरायण के रूप में भी जाना जाता हैं। इस दिन को देशभर में कई नामों से जाना जाता हैं। पंजाब में इसे लोहड़ी कहा जाता है और तमिल में इसे पोंगल कहते हैं।इसी के साथ इसे मनाने के तरीके भी अलग-अलग होते हैं। देशभर में पतंगबाजी करने के साथ ही तिल के व्यंजन भी बनाए जाते हैं। लेकिन एक ऐसी ही अनोखी परंपरा हैं इस दिन काले रंग के कपडे पहनने की। आइये जानते है आखिर क्यों मनाई जाती है ये परंपरा।
जी हाँ, वैसे तो काला रंग हिन्दू धर्म में किसी भी त्यौहार में अशुभ माना जाता है लेकिन मकर संक्रांति के दिन लोग काले ही पहनते हैं और ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन सूर्य उत्तर दिशा में प्रवेश करता है इस वजह से ऐसा माना जाता है कि इस दिन सर्दियों का सीजन खत्म हो जाता है और पतझड़ शुरू हो जाता है और विज्ञान के हिसाब से ऐसा माना जाता है कि काला रंग गर्मी को अपने अंदर सोख लेता है जिससे शरीर में गर्मी बनी रहती है। कहते हैं इसी वजह से लोग इस दिन काले रंग के कपड़े पहनते हैं जिससे वे सर्दी से अपना बचाव कर सके और ठीक से त्यौहार मना पाए।