मंदिर एक ऐसी जगह है जहां व्यक्ति भगवान के प्रति आस्था रखते हुए अपने जीवन की समस्याओं को दूर करने और मन की शांति के लिए जाता हैं। मंदिर में प्रवेश करते ही व्यक्ति को आत्मिक शांति की अनुभूति होती हैं। लेकिन क्या आपने सुना है कि मंदिर में जाते ही मन चिंताओं से व्यथित हो गया हों। जी हाँ, थाईलैंड में एक ऐसा मंदिर हैं जो किसी भी व्यक्ति की चिंताओं को बाधा सकता हैं। तो आइये जानते हैं कैसे।
थाईलैंड के शहर चियांग माइ में एक ऐसा मंदिर है जहां श्रद्धालु नरक के दर्शन के लिए आते हैं। यहां भक्त किसी देवता की पूजा नहीं करते वरन मृत्यु के बाद आत्मा द्वारा दुष्ट कर्मों के लिए भोगे जाने वाले कष्टों को देखने आते हैं।
इस मंदिर को बनाने का मूल विचार एक बौद्ध भिक्षु प्रा क्रू विशानजालिकॉन का था। उन्होंने नरक की कल्पना करते हुए एक ऐसा मंदिर बनवाया जहां लोग मृत्यु के बाद आत्मा द्वारा भोगे जाने वाले कष्टों को देख सकें।
थाईलैंड की राजधानी बैंकाक से लगभग 700 किलोमीटर दूर चियांग माइ शहर में लगभग 300 मंदिर माने जाते हैं लेकिन यह नर्क मंदिर अपने आप में न केवल अनूठा है वरन पूरी दुनिया का ही इकलौता मंदिर है।
इस मंदिर में लोग अपने पापों का प्रायश्चित तथा पश्चाताप करने के लिए आते हैं। इस मंदिर को वैट मे कैट नोई टेम्पल भी कहा जाता है। स्थानीय लोगों में मान्यता है कि जो यहां के दर्शन कर लेता है वह अपने पापों का प्रायश्चित कर लेता है।