एक रात में ही सुहागन से विधवा बन जाते हैं किन्‍नर, जानें इसके पीछे का रहस्य

किन्नर हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, हांलाकि आज भी इन्हें अपने वजूद के लिए संघर्ष करना पड़ रहा हैं। पौराणिक काल में भी किन्‍नर को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया था जिसकी जरूरत आज भी हैं। आपने कई बार शुभ प्रसंग जैसे बच्‍चों के जन्‍म, शादी समारोह आदि मौकों पर देखा होगा। ये लोग शादी में दिखते है, लेकिन क्या कभी आपने कभी किसी किन्नर की शादी होते देखी हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि किन्नर भी शादी करते हैं और इनकी शादी आम लोगों से अलग होती है। इनकी शादी जीवन भर के लिए नहीं बल्कि महज एक रात की होती है। एक रात में ही यह सुहागन से विधवा बन जाते हैं। किन्‍नर केवल एक रात के लिए अपने भगवान से विवाह करते हैं। उसके अगले दिन ये खुद को विधवा कर लेते हैं।

किन्‍नरों का विवाहोत्‍सव देखने के लिए आपको तमिलनाडु जाना होगा। यहां तमिल नववर्ष की पहली पूर्णमासी को किन्‍नरों के विवाह का उत्‍सव शुरू होकर 18 दिनों तक चलता है। 17वें दिन ये अपने भगवान इरावन के साथ ब्‍याह रचाते हैं और अगले दिन सारा श्रृंगार उतारकर विधवा की भांति विलाप करते हैं। इनके भगवान हैं अर्जुन और नाग कन्या उलूपी की संतान इरावन ज‌िन्हें अरावन के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के पुजारी इन्हें मंगलसूत्र पहनाते हैं। किन्‍नरों के विवाह के बाद जश्‍न मनाया जाता है और उसके बाद इनके भगवान इरावन को पूरे शहर में घुमाया जाता है। फिर भगवान की मूर्ति को तोड़ दिया जाता है। इसके साथ ही क‌िन्नर अपना श्रृंगार उतारकर एक व‌िधवा की तरह व‌िलाप करने लगते हैं।

महाभारत से जुड़ा इसका रहस्य

महाभारत के युद्ध में हिस्‍सा लेने से पहले पांडवों ने मां काली की पूजा की और पूजा के बाद इन्‍हें एक राजकुमार की बलि देनी थी। बलि के लिए कोई भी राजुकमार तैयार नहीं हुआ। मगर इरावन तैयार हो गया, लेकिन उसकी एक शर्त थी कि वह बिना शादी किए बल‍ि पर नहीं चढ़ेगा। अब सवाल यह था कि ऐसे राजकुमार से कौन शादी करता, जिसको अगले दिन ही मरना है। तब भगवान कृष्‍ण ने इस समस्‍या का समाधान निकाला। श्री कृष्‍ण स्वयं मोह‌िनी रूप धारण करके आ गए और इन्होंनें इरावन से व‌िवाह क‌िया। अगले द‌िन सुबह इरावन की बल‌ि दे दी गई और श्री कृष्‍ण ने व‌िधवा बनकर व‌िलाप क‌िया। इस घटना को याद करके ही किन्‍नर एक दिन के लिए विवाह करते हैं और अगले दिन विधवा हो जाते हैं।